बुुजुर्गों पर भारी कोरोना संक्रमण: 65% मौतें 60 से अधिक उम्र के लाेगाें की, इनमें 133 पुरुष और 37 महिलाएं

बुुजुर्गों पर भारी कोरोना संक्रमण: 65% मौतें 60 से अधिक उम्र के लाेगाें की, इनमें 133 पुरुष और 37 महिलाएं


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ग्वालियर2 घंटे पहले

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खतरा ज्यादा फिर भी जिले में सिर्फ 13386 बुजुर्गों की सैंपलिंग हुई

  • काेराेना संक्रमण के कारण अभी तक जिले में 260 लोगों की मौत

कोरोना वायरस का संक्रमण शहर के 260 लोगों की जान ले चुका है। हालांकि इस संक्रमण से सबसे ज्यादा 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग प्रभावित हाे रहे हैं। 260 में से 170 यानी 65 प्रतिशत माैतें इसी आयुवर्ग के लाेगाें की हुईं हैं। इनमें 133 पुरुष और 37 महिलाएं शामिल हैं।

चौकाने वाली बात यह है कि इस आयु वर्ग के लोग कोरोना की जांच कराने में सबसे पीछे हैं। कुल सैंपलिंग (लगभग 1.91 लाख) में से मात्र 7 प्रतिशत सैंपलिंग 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की हुई है। हालांकि इस उम्र के जितने लोगों की सैंपलिंग की गई, उसमें से 14 प्रतिशत संक्रमित निकले और उसमें भी 65 प्रतिशत लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जिले में कोरोना से पहली मौत डबरा निवासी बुजुर्ग गंगाराम रोहिरा की 10 मई 2020 को हुई थी।

खतरा ज्यादा फिर भी जिले में सिर्फ 13386 बुजुर्गों की सैंपलिंग हुई

शहर में गुरुवार तक कुल 191240 सैंपलों की जांच की गई। इसमें से केवल सात प्रतिशत सैंपल (13386) 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के हैं। जबकि बुजुर्गों को ही कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक खतरा है।

26 से 44 आयु वर्ग के 78310 लोगों ने कराई जांच, ये कुल टेस्ट का 41 फीसदी
शहर में अब तक कुल 1.91 लाख सैंपलों की जांच हुई है। इसमें सबसे ज्यादा सैंपल 26-44 आयु वर्ग के लोगों की हुई हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो इस आयु वर्ग के कुल 41 प्रतिशत यानि की 78310 सैंपलों की जांच की गई। जबकि सबसे कम जांच 60 वर्ष से अधिक आयु के सैंपलों की हुई।

संक्रमिताें में 70 फीसदी पुरुष और सिर्फ 30 प्रतिशत महिलाएं
कोरोना संक्रमण से बचाव के मामले में पुरुषों की तुलना महिलाओं की स्थिति काफी बेहतर रही। टेस्टिंग से लेकर संक्रमित निकलने में महिलाएं बेहतर स्थिति में रहीं। कुल टेस्टिंग में से 70 प्रतिशत टेस्ट पुरुषों के और 30 प्रतिशत टेस्ट महिलाओं के हुए। कुल 15491 संक्रमितों में से केवल 30 प्रतिशत महिलाएं ही संक्रमण की चपेट में आईं हैं। जबकि 70 प्रतिशत पुरुष संक्रमित निकले हैं।

भास्कर एक्सपर्ट… बुजुर्ग और महिलाओं को लेकर नजरिया
अन्य बीमारियों के कारण बुजुर्गों का स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ा

60 वर्ष से अधिक आयु के अधिकांश लोगों‌ को कई बीमारियां घेर लेती हैं। सुपरस्पेशलिटी हाॅस्पिटल में भर्ती जिन मरीजों की मौत हुईं, उनमें से अधिकांश संक्रमित डायबिटीज, बीपी सहित अन्य बीमारियों से ग्रसित थे। ऐसे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता आम लोगों की तुलना में कम होती है। इस कारण संक्रमण तेजी से फैलता है। ऐसे लोगों को दवाओं का असर भी कम होता है।
-डॉ. विजय गर्ग, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय

महिलाएं घर से कम निकलने के कारण कम हुईं संक्रमित
लाॅकडाउन के दौरान और अनलाॅक के बाद भी महिलाएं घर से कम निकलीं। इस कारण कुल संक्रमितों की संख्या में महिलाओं का प्रतिशत काफी कम रहा। जबकि पुरुष काफी संख्या में बाहर निकले। इसलिए वे ज्यादा संख्या में संक्रमण की चपेट में आए। ऐसा भी देखने में मिला है कि जांच में पाॅजिटिव आने के डर से कई महिलाएं सैंपल देने ही नहीं गईं और घर पर रहकर ही इलाज लिया।
-डाॅ. नीलिमा सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय



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