टूरिस्ट परमिट पर ढो रहे यात्री: जबलपुर तीन पत्ती स्थित पुराने स्टैंड पर यूपी की बस जब्त, टूरिस्ट परमिट की आड़ में राजस्व को लगा रहे चूना

टूरिस्ट परमिट पर ढो रहे यात्री: जबलपुर तीन पत्ती स्थित पुराने स्टैंड पर यूपी की बस जब्त, टूरिस्ट परमिट की आड़ में राजस्व को लगा रहे चूना


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जबलपुर8 मिनट पहले

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आभा ट्रेवल्स की बस को जब्त करते हुए आरटीओ अमला

  • यूपी और रीवा से नागपुर के बीच संचालित 12 बसों का मामला, टूरिस्ट परमिट पर ढो रहे यात्री

आरटीओ ने रविवार देर रात तीन पत्ती बस स्टैंड पर दबिश देकर यूपी रजिस्ट्रेशन की एक बस जब्त की। इस बस में टूरिस्ट परमिट की आड़ में यात्री ढोए जा रहे थे। इससे पहले यूपी की ही एक बस को आरटीओ ने जब्त किया था। बारात परमिट पर उसमें यात्री ढोए जा रहे थे। जिले से 12 बसें टूरिस्ट परमिट पर चल रही हैं। यूपी व रीवा से नागपुर के बीच संचालित ये बसें जबलपुर में तीन पत्ती के पुराने बस स्टैंड से सवारी बैठाते हैं। सरकार के राजस्व के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा को भी ताक पर रखकर इन बसों का संचालन जारी है।

तीन पत्ती पर कार्रवाई के लिए पहुंची टीम

तीन पत्ती पर कार्रवाई के लिए पहुंची टीम

आरटीओ संतोष पाल के मुताबिक आभा ट्रेवल्स की बस यूपी 72 एटी 8151 को जब्त किया गया। बस यूपी के प्रतापगढ़ से नागपुर जा रही थी। बस के दस्तावेज चेक किए गए तो टूरिस्ट परमिट के मिले। आरटीओ से टूरिस्ट परमिट सिर्फ पयर्टन, टूर या धार्मिक यात्रा के लिए ही जारी कराए जाते हैं। नियम है कि इसमें परमिट लेते समय ही यात्रियों का पूरा विवरण दिया जाता है। इसमें टैक्स कम लगता है। अवैध तरीके से संचालित होने वाली बस से संचालक इसकी आड़ में यात्री ढो रहे हैं। आभा ट्रेवल्स की बस तीन पत्ती में सवारी बैठाने पहुंची थी, तभी आरटीओ की टीम ने दबिश देकर उसे पकड़ लिया। बस को आरटीओ ऑफिस में खड़ा कराया गया है।

यहां से संचालित बसों को टूरिस्ट परमिट पर चलाया जा रहा

आरटीओ सूत्रों की मानें तो यूपी के प्रतापगढ़, इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी और रीवा से जबलपुर होकर नागपुर के बीच में 12 बसों का संचालन किया जा रहा है। सभी बसों को टूरिस्ट परमिट पर चलाया जा रहा है। कई बसें बायपास से सीधे मेडिकल होकर तीन पत्ती जाती हैं और वहां सवारी उतारने-बैठाने के बाद अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाती हैं। आरटीओ पाल के मुताबिक ऐसी सभी बसों पर सख्त कार्रवाई होगी और टैक्स भी वसूला जाएगा।

30 प्रतिशत ही आईएसबीटी से निकल रही बसें

30 प्रतिशत ही आईएसबीटी से निकल रही बसें

30 प्रतिशत ही बसें निकल पाई

एक तरफ लंबी दूरी की बसों में नियमों को ठेंगा दिखाकर यात्री ढोए जा रहे हैं। दूसरी ओर जबलपुर से विभिन्न रूट पर संचालित बस ऑपरेटर यात्री न मिलने से परेशान हैं। कोरोना के आठ महीने बाद भी दीनदयाल स्थित आईएसबीटी (अंतर राज्यीय बस टर्मिनस) से 30 प्रतिशत ही बसों का संचालन शुरू हो पाया। कोरोना से पहले यहां से 850 के लगभग बसों का संचालन हो रहा था। अब 250 के लगभग ही बसों का संचालन हो पा रहा हे।

कटनी व नरसिंहपुर रूट के ही निकल रहे यात्री

बस ऑपरेटर एसोसिएशन से जुड़े नसीम बेग ने बताया कि जबलपुर से विभिन्न रूटों पर प्रतिदिन 35 से 40 हजार यात्री निकलते थे, जो अब घटकर महज 4 से 5 हजार के बीच रह गए हैं। पैसेंजर व छोटी रूट की ट्रेनों का संचालन बंद होने से भी यात्री नहीं निकल रहे हैं। सिर्फ लंबी दूरी वाली बसों में ही यात्री मिल रहे हैं। लोकल में सिर्फ नरसिंहपुर व कटनी के बीच अच्छी सवारी निकल रही है। इन दोनों रूटों पर 120 के लगभग बसों का संचालन हो रहा है। दोनों ही स्थानों से नौकरीपेशा व पढ़ाई करने वाले अप-डाउन करते हैं।

जबलपुर अंतर राज्यीय बस टर्मिनस

जबलपुर अंतर राज्यीय बस टर्मिनस

एक जनवरी से निकल सकती हैं बसें

बस संचालित न होने पर ऑपरेटर K-फॉर्म भर कर आरटीओ में जमा करते थे। इससे उन्हें टैक्स की बचत होती थी। राजस्व घाटा और बसों को स्टैंड से निकालने के लिए सरकार ने इस महीने से K-फॉर्म को निरस्त कर दिया है। बस ऑपरेटरों को पूरा टैक्स देना होगा। औसतन एक बस का टैक्स 25 से 30 हजार रुपए महीने का बनता है। सरकार के इस फैसले से ऑपरेटर दबाव में हैं और एक जनवरी से बस निकालने की सोच रहे हैं। नए वर्ष में पयर्टन और अवकाश के चलते उन्हें यात्री मिलने का भी भरोसा है।

इस तरह समझें बसों के संचालन का मामला

  • जबलपुर से कुल 850 के लगभग बसों का संचालन होता था
  • कोरोना के बाद से 250 बसों का ही संचालन शुरू हो पाया है
  • 100 किमी तक संचालित बस का महीने का टैक्स 25 हजार रुपए बनता है
  • जबलपुर से कटनी, नरसिंहपुर, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, नैनपुर, अमरकंटक, नागपुर, रायपुर के बीच बसों का संचालन होता है
  • पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बंद होने से यात्री नहीं मिल रहे



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