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इंदौर7 घंटे पहले
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पुलिस को देख चालक सीट बेल्ट बांधने लगा, लेकिन सफल नहीं हो पाया।
यातायात पुलिस ने साेमवार को जागरूकता अभियान चलाकर वाहन चालकों को सुरक्षित सफर के लिए सीख दी। हालांकि इस बार शहर की बजाय पुलिस हाईवे पर नजर आई। पुलिस ने जब कार चालकों को रोककर सीट बेल्ट लगाने को कहा तो उन्होंने जवाब दिया, सॉरी सर… अगली बार से जरूर लगाऊंगा। वहीं, कई तो ऐसे थे, जो कार तो ड्राइव कर रहे थे, लेकिन उन्हें सीट बेल्ट तक बांधते नहीं आ रहा था। वहीं, दाे पहिया वाहन चालक भी बिन हेलमेट के ही गाड़ी दौड़ा रहे थे।

पुलिस को देख चालक बोला- नहीं आता अगली बार जरूर लगाऊंगा।
ट्रैफिक एएसपी रंजीत सिंह देवके ने बताया कि मांगलिया टोल नाके पर सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा अभियान चलाया गया। इस मौके पर डीएसपी संतोष कुमार उपाध्याय और ट्रैफिक टीआई दिलीप सिंह परिहार टीम के साथ मौजूद रहे थे। देवके के अनुसार हाईवे पर सड़क हादसों की मुख्य वजह ओवर स्पीड ही होती है और ऐसे हादसों में यदि वाहन चालक द्वारा सुरक्षा के संसाधन हेलमेट सीट बेल्ट नहीं पहना गया हो तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। सुरक्षा को लेकर पुलिस ने वाहन चालकों को पंप्लेट बांटे, जिसमें सफर के दौरान वाहन चलाते हुए क्या करें? क्या न करें? सुरक्षा की जानकारी दी गई। ट्रैफिक पुलिस और टोल नाके के कर्मचारियों द्वारा गुजर रहे वाहनों को हेलमेट और सीट बेल्ट के लिए इशारे से समझाया गया। वहीं भारी वाहनों ट्रकों के ड्राइवर को शराब पीकर वाहन न चलने की हिदायत दी गई।

ट्रैफिक सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाया।
सीट बेल्ट बांधते ही नहीं आया
अभियान के तहत पुलिस द्वारा सीट बेल्ट पहनने के लिए कहा गया तो कुछ वाहन चालक सीट बेल्ट पहनने के तरीके से ही अनजान थे। वे गलत ढंग से सीट बेल्ट लगा रहे थे तो कई वाहन चालक पुलिस को देख दूर खड़े होकर सीट बेल्ट बांधने लगे। पुलिस के अनुसार देश में प्रतिवर्ष सड़क हादसों में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। इंदौर की बात करें तो इस साल नवंबर महीने तक 2300 हादसे हुए है। उसमें से 410 की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा मौत दोपहिया और कार सवार लोगों की हुई है।