सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य में शराब माफिया के खिलाफ अभियान चलेगा. (सांकेतिक तस्वीर)
प्रशासन के लिए यह बहुत शर्मिंदा होने की बात थी कि उज्जैन के खाराकुआं पुलिस स्टेशन के कॉन्स्टेबल शेख अनवर और नवाज को इस मिलावटी शराब की बिक्री से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 17, 2021, 11:26 PM IST
प्रशासन के लिए यह बहुत शर्मिंदा होने की बात थी कि उज्जैन के खाराकुआं पुलिस स्टेशन के कॉन्स्टेबल शेख अनवर और नवाज को इस मिलावटी शराब की बिक्री से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बाद में डॉक्टर जुनैद और एक मेडिकल स्टोर के सेल्समैन इरशाद को भी इस मामले में पुलिस ने पकड़ा था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में पुलिस सुपरिंटेंडेंट मनोज सिंह और अडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर उन्हें हटा दिया था.
इस घटना के बाद शराब के तीन तस्करों – यूनुस, सिकंदर और गब्बर – को गिरफ्तार किया गया था. उनपर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाया गया था. पिछले 9 महीनों में राज्य में मिलावटी शराब पीने से 46 लोगों की जान जा चुकी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई को चंबल रेंज के उपमाहानिरीक्षक राजेश हिंगणकर ने बताया कि फिलहाल मुरैना और ग्वालियर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तकरीबन 12 ऐसे लोगों का इलाज चल रहा है जो मिलावटी शराब पीने के बाद बीमार पड़े. उन्होंने कहा कि मरने वालों की संख्या अब 24 हो गई है क्योंकि चार और लोगों की मौत नकली शराब पीने से हुई है.पुलिस ने कहा कि बीते सोमवार की रात मुरैना के मनपुर और पहावली गांव के रहनेवाले कुछ लोगों ने सफेद रंग की शराब पी थी. बाद में आसपास के गांव के कुछ और लोगों ने भी यह मिलावटी शराब पी थी, जिसकी वजह से ये लोग बीमार पड़ गए थे. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजेश राजोरा की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम घटना की जांच करने के लिए गुरुवार को मानपुर गांव पहुंची थी. इस टीम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (CID) एसाई मनोहर और उप महानिरीक्षक मिथिलेश शुक्ला भी थे. 19 जनवरी को एसआईटी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी.
बीते बुधवार को इस पूरे घटनाक्रम को दुखद बताते हुए सीएम चौहान ने वादा किया कि राज्य में शराब माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान, क्षेत्र के आबकारी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि माफिया खुलेआम घटिया शराब का उत्पादन कर रहे थे और यह बात अधिकारियों की जानकारी में थी.