अतिथि शिक्षक कह रहे हैं कि महाराज आप तो हमारे लिए सड़क पर उतरने का वादा करके राज्यसभा चले गए, लेकिन हम सड़क पर ही हैं, वहीं कांग्रेसी हल्दी और पीले चावल देकर वादा याद दिला रहे हैं. हालांकि महाराज की ओर से इसका कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा.
सोमवार 8 फरवरी को सिंधिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ ग्वालियर प्रवास पर थे. इसके ठीक एक दिन पहले वहां कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई (NSUI) के कार्यकर्ता एक थाली में हल्दी और पीले चावल रखकर जयविलास पैलेस पहुंच गए और अतिथि शिक्षकों को नियमित कराने का वादा पूरा करने की मांग करने लगे. हल्दी और पीले चावलों के साथ अनोखा प्रदर्शन करने वाले यह सवाल भी पूछ रहे थे कि महाराज आप कब अतिथि शिक्षकों को लेकर सड़क पर उतरने वाले हैं?
बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में राज्य के अतिथि शिक्षकों को गुरुजियों की तरह लाभ देने का वादा किया था. साथ ही सरकार बनने के तीन महीने के भीतर नियमित करने की बात की थी. चुनाव में कांग्रेस जीती और कमलनाथ के नेतृत्व में पार्टी की सरकार मप्र में बन गई. लेकिन जब साल भर बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया, तो अतिथि शिक्षकों के सब्र का बांध टूट गया और करीब एक महीने तक उनका जबर्दस्त आंदोलन चला. बेरोजगारों ने पॉपकॉर्न, नमकीन, नीबू पानी, जूते पालिश की दुकानें लगाईं, महिलाओं ने अपने सिर तक मुंडवा लिए. यह वह दौर था, जब अतिथि शिक्षकों का गुस्सा अपने चरम पर था.दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में अपना दबाव बढ़ाने, अपनी सियासी ताकत दिखाने में लगे थे, क्योंकि उन्हें लग रहा था, जो विधानसभा चुनाव उनके चेहरे को सामने रखकर लड़ा और जीता गया, उसी कांग्रेस में उन्हें अपेक्षित महत्व नहीं मिल रहा. इस दौरान चल रहे अतिथि शिक्षकों की नाराजगी को सिंधिया ने सियासी लड़ाई का हथियार बनाया और अपनी ही पार्टी की कमलनाथ सरकार को चुनौती दे डाली कि अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं किया, तो वह भी उनके साथ आंदोलन करने सड़क पर कूद पड़ेंगे.
सड़क पर उतरने जैसी कई चुनौतियों को कमलनाथ की ओर से कोई तरजीह नहीं मिली, तो सिंधिया और उनके समर्थकों ने पार्टी से बगावत का रास्ता अपनाया. इसके साथ ही सिंधिया और उनकी विधायकों, समर्थकों की टीम ने भाजपा में शामिल होकर कमलनाथ की सरकार गिराकर शिवराज सिंह की सरकार बनवा दी. लेकिन अतिथि शिक्षकों को सिंधिया का वादा याद रह गया. अगस्त 2020 में जब ग्वालियर में भाजपा का महासदस्यता अभियान चल रहा था, तब अतिथि शिक्षक ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले थे और उनका नियमितीकरण कराने की मांग की थी. उस समय भी सिंधिया ने भरोसा देते हुए कहा था ‘हमारी पार्टी (भाजपा) अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान और अंशकालिक शिक्षकों के नियमितीकरण की ओर ध्यान दे रही है’.
सितंबर 2020 के तीसरे हफ्ते में यह शिक्षक ग्वालियर के फूलबाग में चल रहे आंदोलन के दौरान शिवराज कैबिनेट में मंत्री रह चुकीं सिंधिया समर्थक इमरती देवी से मिले, उस समय भी इमरती ने शिवराज सिंह और सिंधिया से बात कर मांग पूरी कराने के लिए आश्वस्त किया था, लेकिन आज तक अतिथि शिक्षक आज भी अतिथि ही हैं और नियमितीकरण की बाट जोह रहे हैं.
अब एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री और सिंधिया के ग्वालियर प्रवास के मौके पर प्रदर्शन कर सिंधिया के सामने उनके वादे का आईना सामने रखने की कोशिश की है. इस प्रवास पर सिंधिया और शिवराज के अलावा केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी हैं.