कोरोना योद्धा की मौत: फेफड़ों में संक्रमण के बाद इलाज के लिए चेन्नई गए डॉ. मुकेश जैन की मौत, हालत बिगड़ने के बाद सरकार की मदद से हुए थे एयरलिफ्ट

कोरोना योद्धा की मौत: फेफड़ों में संक्रमण के बाद इलाज के लिए चेन्नई गए डॉ. मुकेश जैन की मौत, हालत बिगड़ने के बाद सरकार की मदद से हुए थे एयरलिफ्ट


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इंदौरकुछ ही क्षण पहले

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कुछ दिनों पहले एयरलिफ्ट कर चन्नई भेजा था , इनसेट में डॉक्टर मुकेश जैन

आगर मालवा जिला अस्पताल में पदस्थ कोरोना वारियर्स योद्धा डॉ. मुकेश जैन का चेन्नई के अस्पताल में निधन हो गया है। कुछ दिनों पहले उन्हें इंदौर चेन्नई एयरलिफ्ट किया गया था। सोमवार रात 10.20 बजे उन्होंने चेन्नई के MGM अस्पताल में अंतिम सांस ली। आगर-मालवा जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. जैन पैथोलाजिस्ट थे।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने उनके इलाज के लिए चेन्नई से डॉक्टरों की टीम बुलवाई थी। हालांकि इंदौर में चल रहे इलाज के बाद भी उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इस कारण उन्हें सरकार की मदद से एयरलिफ्ट कर चेन्नई शिफ्ट किया गया था।

परिवार के सदस्यों ने बताया था कि फरवरी माह में वे संक्रमण की चपेट में आए थे, लेकिन तबीयत बिगड़ती चली गई। जिसके बाद उन्हें इंदौर के एक निजी अस्पताल में वेंटीलेटर पर रखा गया था । डॉ. जैन को एक्स्ट्रा कॉर्पाेरियल में ब्रेन ऑक्सीजनेशन यानी इकमो करने के लिए चेन्नई शिफ्ट किया गया था।

क्या हाेता है

कमो-ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज तिवारी ने बताया कि इकमो यानी एक्सट्रा कॉर्पाेरियल में ब्रेन ऑक्सीजनेशन। वेंटिलेटर एक सीमा तक ही ऑक्सीजन शरीर में मेंटेन कर सकता है। इकमो वेंटिलेटर की तुलना में एडवांस है। मशीन शरीर से ब्लड को निकालकर उसे ऑक्सीजनेट करती है। ब्लड से कार्बन डाय ऑक्साइड निकालती है। इससे क्षतिग्रस्त अंग की गति ठीक हो जाती है।

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