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- JUDA Orders Parallel OPD Of 10 Departments In Hospital Premises, Demands Not To Be Fulfilled, Warning To Stop Treating Kovid Patients With Emergency
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भोपालएक घंटा पहले
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हमीदिया अस्पताल में जूनियर डॉक्टर सांकेतिक हड़ताल पर जाने के बाद सामांनतर ओपीडी में मरीजों को देखते हुए।
हमीदिया अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर गुरुवार से सांकेतिक हड़ताल पर चले गए। हालांकि मरीजों के इलाज में कोई दिक्कत न हो इसको लेकर डॉक्टरों ने 10 विभागों की अस्पताल परिसर में ही ओपीडी लगाई। जहां जूनियर डॉक्टर मरीजों को देख रहे है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के मध्य प्रदेश और भोपाल के अध्यक्ष डॉ. अरविंद मीणा ने बताया कि हम कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मरीजों के हित में हड़ताल नहीं करना चाहते, लेकिन सरकार मरीजों के साथ ही डॉक्टरों की सुविधाओं को लेकर उदासीन बनी हुई। इसलिए हमें विरोध स्वरूप सांकेतिक हड़ताल का कदम उठाना पड़ा। मीणा ने कहा कि हमें चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने 12 अप्रैल को मिलने का समय दिया है। तब तक सांकेतिक हड़ताल जारी रहेगी। यदि हमारी मांगों को लेकर सहमति नहीं बनी तो फिर हम 13 अप्रैल से इमरजेंसी सेवा और कोविड मरीजों का इलाज बंद कर देंगे। इसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार होगी।
यह है जूनियर डॉक्टरों की मांग
- हमीदिया अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बेड बढ़ाए जा रहे है, जबकि अस्पताल में नॉन कोविड मरीजों के लिए स्पेशल इलाज की सुविधा है। ऐसे में अस्पताल आने वाले गरीब नॉन कोविड मरीजों के लिए भी इलाज की सुविधा के लिए जगह रखी जाए।
- पिछले साल मुख्यमंत्री ने कोरोना वारियर को 10 हजार रुपए प्रतिमाह सम्मान निधि देने का वादा किया था, एक साल बाद भी कोरोना वारियर को राशि नहीं मिली।
- सरकार ने 2018 में वादा किया था कि प्रति वर्ष जूनियर डॉक्टरों के मानदेय में 6 प्रतिशत की वृद्धि होगी, लेकिन कुछ नहीं किया गया। जबकि महंगाई बढ़ने के साथ ही पीजी स्टूडेंट् की फीस को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दिया गया।
- स्पेशलिटी करने आए कोरोना वॉरियर अपनी पढ़ाई छोड़ कर मरीजों का इलाज करने में जुटे हुए है। एक वर्ष से ना तो कुछ सीख-पढ़ पा रहे ना ही रिसर्च कर पा रहे। उनकी सरकार पूरी फीस माफ करें।
- कोरोना मरीजों के इलाज में सेवा देने वाले जूनियर डॉक्टरों की सेवा को सरकार बॉन्ड के तहत गांव में एक साल की सेवा देने के बराबर माने।