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- Lover Girlfriend Came To Suicide With A Rope Of 10 Meters, First Innocent Child, Then Lover And Later Girlfriend Hanged In Hanging
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सतना2 मिनट पहले
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- अपने से आधे उम्र के नाबालिग को महिला ने बनाया था प्रेमी, पति बनता था रूकावट, तो सबसे छोटे बेटे को लेकर पहुंच गई थे मरने
- होली के एक दिन पहले रस्सी लेकर प्रेमी प्रमिका पहुंचे थे साड़ा के घनघोर जंगल
- गांव में फैल गए थे प्यार के चर्चे, पति भी हो गया था पत्नी से परेशान
सतना जिले के बरौंधा थाना अंतर्गत साड़ा के घनघोर जंगल में हुए सामूहिक सुसाइड मामले में फारेंसिंक एक्सपर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। एफएसएल रीवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. आरपी शुक्ला ने बताया कि ये हत्या नहीं बल्कि आत्महत्या है। ये पूरी प्लानिंग के साथ किया गया सामूहिक सुसाइड है। प्राथमिक जांच में जो बात सामने आई है उसमे 10 मीटर रेसम की रस्सी इस्तेमाल की गई है। कयास लगाए जा रहे है कि होली के एक दिन पहले उक्त रस्सी महिला ने ही खरीदकर अपने छोटे बेटे के साथ साड़ा के जंगल में गई थी।
उसके कुछ देर बाद नाबालिग प्रेमी भी पीछे पीछे पहुंच गया। ये लोग गांव से करीब 7 किमी. अंदर सकरो के घने जंगल में घुस गए। जहां सूनसान स्थान पाकर 10 मीटर की रस्सी को पत्थर के काटकर तीन भागों में विभाजित किया। इसके बाद 5 साल के मासूम बच्चे को फंदा लगाकर मार डाले। फिर किशोर प्रेमी और प्रेमिका दोनों क्रमश: रस्सी के फंदे में झूलकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
पेड़ की एक डाल पर बने तीन फंदे
फारेंसिंक एक्सपर्ट सब इंस्पेक्टर राम सिंह वरकटे ने बताया कि सामूहिक सुसाइड केस में एक पेड़ की डाल में तीन फंदे बनाए गए थे। मतलब साफ है कि एक साथ तीनों फंदों को क्रमश: बांधा गया था। इस केस में महिला चतुर थी। क्योंकि तीनों में वह सबसे बड़ी थी। ऐसे में उसने प्री प्लान के साथ पहले मासूम की बलि ली। फिर प्रेमी से इस जन्म में साथ न रह पाने का मलाल मानते हुए अगले जन्म में साथ निभाने का वादा कर उसको भी फंसे में लटकाकर गला घोट दिया। इसके बाद स्वयं फांसी पर झूल गई।
गांव में चर्चे थे किशार प्रेमी और महिला के
ग्रामीणी की मानें तो महिला अपने से आधे उम्र के किशोर प्रेमी से एकतरफा प्यार करती थी। ऐसे में नाबालिग प्रेमी महिला की सभी चालें नहीं समझ पाता था। पति भी कई बार उनको रंगे हाथ पकड़ चुका था। लोकलज्जा के कारण मृतका का पति भी परेशान था। क्योंकि तीन बच्चों की मां अपने से आधे उम्र के लड़के से इश्क लड़ा रही थी। कई बार उसने समझाने की भी कोशिश की, लेकिन महिला नहीं मानी। आए दिन वह किसी न किसी बहाने से प्रेमी से मिल ही लेती थी।
ऐसे हुई थी मृतकों की पहचान
बरौंधा थाना प्रभारी राजेश पटेल ने बीते दिन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी है। तब पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने मामले को संदिग्ध मानते हुए क्राइम एक्सपर्ट से सलाह लेते हुए शनिवार की सुबह 9 बजे रीवा से एफएसएल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरपी शुक्ला को बुलाया था। जहां मृतकों की पहचान ग्राम पंचायत साड़ा के भवानीपुर निवासी कुसुमकली (32), बेटा आशीष (5) और एक अन्य सुशील राम आसरे यादव (17) के रूप में हुई है। तीनों 28 मार्च से घर से लापता थे। तीनों की गुमशुदगी भी थाने में दर्ज है।
तीन बच्चों की मां ने उठाया खौफनाक कदम
होली के एक दिन पहले अपने छोटे बच्चे के साथ लापता हुई महिला की तलाश लगातार परिजन कर रहे थे। क्योंकि वह दो बच्चों को घर पर ही छोड़ कर चली गई थी। लोगों का कहना है कि छोटा बच्चा मां के करीब ज्यादा रहता था। ऐसे में अगर वह उसको छोड़कर जाती तो वह रोने लगता। ऐसे में भागने वाला प्लान फेल हो जाता। इसलिए उसने छोटे बच्चे को भी बलि का बकरा बना दिया।
कंकाल बन गए थे तीनों शव
फारेंसिक जांच में जो बात सामने आई है उसमे तीनों शव 10 से 12 दिन पुराने होने के कारण कंकाल बन चुके थे। वहीं घटनास्थल के आसपास के नमूने भी लिए गए है। हालांकि पुलिस शुरु से ही स्पष्ट थी कि ये आत्महत्या का ही मामला है। क्योंकि महिला ने पहले तो मुंहबोले देवर के साथ घर से भागने का निर्णय ले लिया लेकिन बाद में जब रास्ता नहीं समझ में आया तो लोकलज्जा के डर से फांसी लगाने का निर्णय ले लिया।