उज्जैन. आर्डी गार्डी कॉलेज के लिए ऑक्सीजन लेकर रवाना हुआ ट्रक आखिर गया कहां.
Ujjain. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा ऑक्सीजन को लेकर कोई पैनिक होने की जरूरत नहीं है. आरडी गार्डी में आक्सीजन की कमी से 5 मरीजों की मौत की बात गलत है. रात खत्म होने को थी. उससे पहले हमने व्यवस्था करवा दी थी.
आरडी गार्डी अस्पताल के सूत्रों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि रात 3 बजे जैसे ही ऑक्सीजन ख़त्म होने का अलार्म बजा. वैसे ही हमने तुरंत उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को फोन लगाया. उसके बाद तपोभूमि प्रदीप ऑक्सीजन वाले के यहां से ऑक्सीजन लेकर एक ट्रक निकला भी. लेकिन वो उज्जैन शहर से कहीं और चला गया. आरडी गार्डी अस्पताल नहीं पहुंचा. उसके अस्पताल प्रबंधन ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी. सूचना पर प्रशासन ने दोबारा ऑक्सीजन की गाड़ी अस्पताल भेजी लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. क्रिटिकल कंडीशन के 5 मरीजों की मौत हो चुकी थी.
5 मौत का जिम्मेदार कौन
हालांकि इस पूरे मामले में अपर कलेक्टर और आरडी गार्डी अस्पताल के प्रभारी सुजान सिंह रावत ने कुछ मरीजों की मौत की बात तो स्वीकारी. लेकिन ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत की बात नहीं मानी.उन्होंने कहा कोरोना मरीज़ों की रोजाना मौत हो रही है. आज भी हुई. मैं देख कर बता पाउंगा कि इस आर डी गार्डी अस्पताल में आज कितने लोगों की मौत हुई है. इधर कोरोना मरीजों की मौत के लिए तय किये गए त्रिवेणी घाट मुक्ति धाम पर काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि आज ही 6 शव लाये गए.ये है पूरा घटना क्रम
आरडी गार्डी अस्पताल के सूत्रों से जो पुख्ता जानकारी हासिल हुई है उसके मुताबिक गुरुवार रात 3:00 बजे ऑक्सीजन खत्म होने का अलार्म बजा. उसके बाद मौजूदा डॉक्टर ने अधिकारियों से बात की. अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तपोभूमि स्थित प्रदीप ऑक्सीजन वाले के यहां से ऑक्सीजन मंगवाई. अस्पताल ने अपने डॉक्टर को तपोभूमि भेजा ताकि वह खुद जाकर जल्द से जल्द ऑक्सीजन का ट्रक अपने साथ लेकर आ सकें. ऑक्सीजन लेकर ट्रक वहां से रवाना तो हुआ लेकिन वो अस्पताल नहीं पहुंचा बल्कि कहीं और चला गया.
उखड़ती सांसों को ऑक्सीजन का इंतज़ार
ट्रक रवाना करने के बाद अस्पताल के डॉक्टर अपनी गाड़ी से रवाना हुए. उज्जैन में ट्रक के प्रवेश करते ही डॉक्टर फ्रेश होने अपने घर चला गया और तब तक ट्रक कहीं और चला गया. जब वो अस्पताल पहुंचे तब उन्हें पता चला कि ट्रक तो यहां आया ही नहीं है. अस्पताल प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए. आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को सूचना दी. कलेक्टर ने तत्काल कहीं और से ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई. लेकिन तब तक तो बहुत देर हो चुकी थी. उखड़ती सांसों को इतना इंतज़ार कहां था. ऑक्सीजन मिल पाती उससे पहले ही क्रिटिकल कंडीशन के 5 मरीजों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई.
चंद मिनटों में खेल
आरडी गार्डी अस्पताल प्रबंधन का दावा है जिस ट्रक में ऑक्सीजन रवाना की गयी उसके पीछे हमारा डॉक्टर भी था. उज्जैन आते ही डॉक्टर फ्रेश होने अपने घर चला गया. जब तक लौटा तो पता चला कि अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंची ही नहीं. हालांकि ऑक्सीजन की रसीद भी अस्पताल के नाम की कट चुकी थी.
लगातार जल रही लाशें फिर किसकी हैं
कोरोना प्रोटोकॉल के तहत आज 6 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा ऑक्सीजन को लेकर कोई पैनिक होने की जरूरत नहीं है. आरडी गार्डी में आक्सीजन की कमी से 5 मरीजों की मौत की बात गलत है. रात खत्म होने को थी. उससे पहले हमने व्यवस्था करवा दी. कुछ अस्पताल वालों के पास 2 घंटे की ऑक्सीजन होती फिर भी 10 मिनिट का बोलकर व्यवस्था बिगड़ रहे हैं.