5 हजार मरीजों के डेटा एनालिसिस में नया ट्रेंड: पिछले साल शहर में सिर्फ 3 प्रतिशत बच्चे हुए थे कोरोना संक्रमित… इस बार 9 फीसदी से ज्यादा चपेट में

5 हजार मरीजों के डेटा एनालिसिस में नया ट्रेंड: पिछले साल शहर में सिर्फ 3 प्रतिशत बच्चे हुए थे कोरोना संक्रमित… इस बार 9 फीसदी से ज्यादा चपेट में


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भोपाल5 घंटे पहले

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  • लेकिन राहत की बात यह कि ठीक भी जल्दी हो रहे हैं
  • कई जगह बच्चा बीमार हुआ और पूरा परिवार संक्रमित हो गया

पिछले साल के मुकाबले इस बार कोरोना बच्चों को ज्यादा चपेट में ले रहा है। यही वजह है कि हाल के दिनों में जो मरीज सामने आ रहे हैं, उनमें 1 से 10 और 20 से कम उम्र के मरीजों की संख्या ज्यादा है। इस बार 9 प्रतिशत से भी ज्यादा संक्रमित 20 साल से कम उम्र के हैं, जबकि पिछले साल 3 प्रतिशत से भी कम बच्चे संक्रमित हुए थे।

वजह… गली-मोहल्लों में खेलते हैं

बड़ों के मुकाबले बच्चे कम ही सतर्कता बरत रहे हैं। बच्चे पहले घर में हर उम्र के सदस्य के संपर्क में आते हैं। फिर घर से बाहर गली और मोहल्ले में दूसरे बच्चों के साथ भी घुलते-मिलते हैं। यही वजह है कि बच्चे पहले के मुकाबले ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में बच्चों के साथ उनके परिजनों को भी अब सर्तक होने की जरूरत है।

सावधानी… बीमार हो तो ध्यान रखें

बच्चों को बुखार, दस्त और उल्टी होने पर इसे गंभीरता से लीजिए। लोग 2 और 4 दिन में बुखार चले जाने पर बेफिक्र हो जाते हैं। अभी यह बहुतायत में देखने को मिल रहा है कि पहले बच्चा बीमार हुआ, फिर पूरा परिवार संक्रमित निकला। यह बच्चों के सुपर स्प्रेडर होने की वजह से ही है। ऐसे में परिजनों को चाहिए कि वे बच्चों को कम से कम 10 दिन होम आइसोलेशन में रखें।

जल्दी रिकवरी, क्योंकि… बच्चों में वो रिसेप्टर कम होते हैं, जिन पर वायरस चिपकता है

अच्छी बात यह भी है कि बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट आने के बाद ठीक भी कम से कम समय में हो रहे हैं, क्योंकि बच्चों में वो रिसेप्टर कम होते हैं, जिन पर वायरस चिपकता है। इसी वजह से कम उम्र के अधिकांश मरीज माइल्ड और मॉडरेट हैं, गंभीर नहीं हैं। अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना मरीज में बच्चों की संख्या न के बराबर ही है।

एक्सपर्ट बोले… बुखार आए तो 10 दिन होम आइसोलेशन में रखें
यह बात सही है कि इस बार बच्चों में कोरोना संक्रमण के केस ज्यादा मिल रहे हैं। लगभग हर दूसरे-तीसरे घर में बच्चों में कोरोना और निमोनिया मिल रहा है। परिजनों को अब ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, बुखार आने पर हर बच्चे को कोरोना संक्रमित मानकर कम से कम 10 दिन होम आइसोलेशन में रखें।
डॉ. निशांत श्रीवास्तव, प्रोफेसर, पल्मोनरी डिपार्टमेंट, जीएमसी

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