इंदौर14 घंटे पहले
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मध्यप्रदेश सरकार ने लगभग तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़कर उषा राजे ट्रस्ट से यह जमीन जीती थी।- फाइल फोटो
- बिजासन मंदिर टेकरी के नीचे स्थित 20.84 एकड़ जमीन एयरपोर्ट को आवंटित की गई थी
- प्रबंधन द्वारा यहां नया टर्मिनल भवन, कन्वेशन सेंटर, होटल आदि बनाने की योजना
देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट को जल्द ही 20 एकड़ जमीन का कब्जा मिलने की उम्मीद है। जमीन के लिए एयरपोर्ट को पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त हो चुका है। एयरपोर्ट के विकास के लिए प्रबंधन ने प्रदेश सरकार से यह जमीन मांगी थी।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार ने भी लगभग तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़कर उषा राजे ट्रस्ट से यह जमीन जीती थी। बाद में एयरपोर्ट प्रबंधन ने प्रदेश सरकार से यह जमीन मांगी थी। प्रदेश सरकार ने 2018 में बिजासन मंदिर टेकरी के नीचे स्थित 20.84 एकड़ जमीन एयरपोर्ट को आवंटित कर दी थी। वहीं इस जमीन पर लगे पेड़ों को हटाने के लिए वन विभाग द्वारा 1.43 करोड़ रुपए राशि भी मुआवजे के लिए आवंटित कर दी गई थी। हालांकि मामला पर्यावरण मंत्रालय में जाकर अटक गया था। इस संबंध में इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने एनओसी के लिए केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से चर्चा भी की थी।
प्रबंधन नहीं करा सकेगा विकास कार्य
जमीन जल्द एयरपोर्ट प्रबंधन को मिल भी जाती है तब भी वह वहां विकास कार्य नहीं करा सकेगा इसकी संभावना बनती दिखाई दे रही है। इसका कारण यह है कि एयरपोर्ट को पीपीपी मोड पर दिए जाने की संभावना है। जमीन मिलने पर प्रबंधन द्वारा यहां नया टर्मिनल भवन, कन्वेशन सेंटर, प्रशासनिक भवन, होटल, नए प्रवेश और निर्गम द्वार आदि बनाने की योजना थी, लेकिन अब जो नई कंपनी या समूह इंदौर एयरपोर्ट को ठेके पर लेगा उसी के द्वारा यह विस्तार कार्य किए जाने की संभावना है।
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