Retired Engineer Murder Case: Accused Vivek Sonkar Arrested By Indore Police | शाह ने कोरे कागज पर साइन करने से मना किया तो सिर पर पहले पाइप फिर हथौड़े से किया हमला, बिस्तर पर पटक पर्दे की स्प्रिंग से गला घोंटा

Retired Engineer Murder Case: Accused Vivek Sonkar Arrested By Indore Police | शाह ने कोरे कागज पर साइन करने से मना किया तो सिर पर पहले पाइप फिर हथौड़े से किया हमला, बिस्तर पर पटक पर्दे की स्प्रिंग से गला घोंटा


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इंदौरएक मिनट पहले

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हत्या के बाद आरोपी कार से दिल्ली भाग गए थे, लौटे तो मंदसौर में पुलिस ने दबोचा।

  • पलासिया थाना क्षेत्र के पॉश इलाके मनोरमागंज में घर में घुसकर रिटायर्ड इंजीनियर की निर्मम हत्या का खुलासा
  • आरोपी का शाह के घर बचपन से आना-जाना था, वह उनके मकान और प्लाट को अपने कब्जे में लेना चाहता था

पलासिया थाना क्षेत्र के पॉश इलाके मनोरमागंज में घर में घुसकर 60 वर्षीय रिटायर्ड इंजीनियर की निर्मम हत्या का खुलासा पुलिस ने साेमवार काे कर दिया। इंजीनियर की हत्या के पीछे मुख्य वजह उनकी प्राॅपर्टी रही। आरोपी की नजर उनके मकान और करोड़ों के प्लाट पर थी। आरोपी उनसे कोरे कागज पर साइन करवाना चाहता था, जब उन्होंने मना किया तो पहले सिर पर पाइप से वार किया। फिर साथी ने हथौड़ा दे मारा। इसके बाद डोरी और पर्दे की स्प्रिंग से गला घाेंट दिया। हत्या के बाद एक आरोपी को इंदौर में छोड़कर बाकी दिल्ली भाग गए थे। यहां से मंदसौर पहुंचे जहां पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

रिटायर्ड इंजीनियर अजय शाह अहमदाबाद में ही ज्यादातर रहते थे।

हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि आरोपी आशीष को वारदात के 24 घंटे के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया गया था। उसकी निशानदेही पर आरोपी भय्यू उर्फ विवेक सोनकर, निलेश बौरासी और प्रफुल्ल शर्मा को मंदसौर से सोमवार को पकड़ा। मुख्य आरोपी भय्यू ने बताया कि वह शाह दंपती को पिछले 10 साल से जानता है। उसकी दादी इनकी केयर टेकर थी। वह भी इनके यहां केयर टेकर के रूप में घरेलू काम करता था। शाह दंपती भय्यू पर बहुत विश्वास करते थे, लेकिन भय्यू की नजर अजय शाह की कोई संतान नहीं होने से उनके मकान और संपत्ति पर थी। वह इसे हर हाल में पाना चाहता था।

फर्जी तरीके से भी संपत्ति बेचने की कोशिश की
उसने बताया कि उनकी संपत्ति को फर्जी तरीके से बचने के लिए उसने एक साल पहले कोशिश की थी। उसने साथियों के साथ मिलकर शाह की हत्या कर उसके मकान और प्लाट पर कब्जा कर बेचने की योजना भी बना ली थी। इस संबंध में जब उसने अपने दोस्त आशीष रामान से बात की तो उसने कहा कि शाह की हत्या हो जाती है तो उनकी पत्नी को धमकाकर मकान और प्लाॅट के कागज ले लेंगे। इसके बाद किसी वकील के जरिए संपत्ति को अपने नाम कराकर बेच देंगे। इसके बाद भय्यू ने योजना के तहत नीलेश को और मंदसौर में रहने वाले दोस्त हर्ष को तैयार किया। निलेश ने भी अपने एक दोस्त प्रफुल्ल शर्मा को इसके लिए मना लिया।

आरोपी विवेक उर्फ भय्यू गीता भवन मंदिर के सामने फ्रूट का ठेला लगाता है।

ऐसे दिया वारदात को अंजाम
योजना के तहत किन्हीं तीन लोगों को शाह के यहां मकान देखने जाना है, लेकिन दिन ऐसा हो जब लोगों की आवाजाही कम हो। प्लानिंग के तहत वारदात के पहले 9 अगस्त को भय्यू हर्ष को लेकर मकान देखने पहुंचा। यहां उसने हत्या में उपयोग आने वाले औजार पाइप और हथौड़ा छिपाकर कमरे में रख दिया। इसके बाद उन्होंने रविवार 12 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन वारदात को अंजाम देना तय किया। उन्हें पता था कि घर पर काम करने वाली शीतल शाम 6 बजे के बाद आती है। इसलिए शाम 4 भय्यू, निलेश और हर्ष घर के भीतर पर पहुंचे, जबकि आशीष को नजर रखने के लिए घर के गेट पर खड़ा कर दिया। इन्होंने भीतर हर्ष को आशीष बनाकर मृतक की पत्नी के सामने बिठा दिया।

पहले पाइप फिर हथौड़े से किया सिर पर वार
शाह से किराए सहित सब बात करने के बाद ये कमरा देखने ऊपर गए। यहां पर निलेश, भय्यू और हर्ष ने शाह को बंधक बना लिया और जबरन कोरे कागज पर साइन करने को कहा। उन्होंने मना किया तो जमकर पीटा। इसके बाद भी नहीं माने तो भय्यू से पीछे से छिपकार रखे पाइप से सिर पर वार किया। इसके बाद नीलेश ने हथौड़ा दे मारा। खून से सने शाह को इन्होंने बिस्तर पर मरा समझकर फेंक दिया। सांस चलने पर वहां रखी डोरी और पर्दे के स्प्रिंग से गला घोंटा। डोरी टूट जाने पर शाह को जमीन पर फेंका और दरवाजा बंद कर नीचे आ गए। वारदात के बाद हर्ष निकल गया, जबकि बाकी दोनों शाह की पत्नी के पास बैठकर मकान और प्लाॅट बेचने की बात करने लगे। भीतर बैठे निलेश ने प्रफुल्ल शर्मा को फोन लगाकर भीतर बुलाया और कहा कि इसे भी किराए से कमरा लेना है। यह किसी होटल में मैनेजर है। उन्होंने उसका नाम भी आशीष शर्मा ही बताया।

नीलेश उनके घर के छोटे-मोटे काम करता था।

शीलत के आने के बाद बिगड़ा खेल
ये भीतर बैठे बात कर ही रहे थे कि शाम साढ़े 5 बजे शीतल का अाना हुआ, उसे देखकर ये चौंक गए। शाह की पत्नी के बार-बार पूछने पर इन्होंने बताया कि अंकल पानी की टंकी में ऊपर काम कर रहे हैं। इस पर पत्नी ने भय्यू को फोन लेकर कहा कि अंकल को दे अाए। भय्यू मोबाइल लेकर ऊपर गया और कमरे में रखकर आ गया। पत्नी अंजलि ने शाह को कई बार काॅल किया, फोन नहीं उठाने पर शीतल को कहा कि अंकल को देखकर आए। शीतल ऊपर पहुंची तो आरोपी भी ऊपर पहुंचे और वारदात वाले कमरे को शीतल को नहीं देखने दिया। उन्होंने कहा कि तीसरी मंजिल पर जाकर देख। शीतल तीसरी मंजिल पर पहुंची तो आरोपी भय्यू और निलेश ने उसे कमरे में धक्का दे दिया और तकिए से उसका दम घोंटने लगे। आरोपियों को लगा कि वह मर गई है तो उसे बेहोशी की हालत में छोड़कर शाह की पत्नी के पास नीचे आ गए। उन्हाेंने शीतल का फोन भी बंद करके रख लिया, जिससे अंजलि शीतल को कॉल ना कर सके।

शीतल के बारे में पूछा तो बोले – वह तो अपने घर गई
अंजलि ने शीलत के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वह अपने घर चली गई। इस पर अंजलि ने शीतल के परिजनों को कॉल किया। शीतल के घर नहीं पहुंचने पर परेशान परिजन शाह के घर पहुंच गए। वहीं, शीतल की चीख सुन पड़ोसी भी शाह के घर जमा होने लगे। यह देख आरोपी मृतक के घर पर जो भी दस्तावेज मिले, उन्हें लेकर आरोपी भाग निकले। इन्होंने तय किया की आशीष इंदौर में ही रुककर हर गतिविधि पर निगाह रखेगा और आरोपियों को बताता रहेगा। इसके अलावा अन्य सभी आरोपी नीलेश की कार से भय्यू के परिचित के यहां दिल्ली पहुंच गए। इन्हें पुलिस के दिल्ली आने की जानकारी लगी तो ये सभी भागकर हर्ष के यहां मंदसौर पहुंच गए। इसके बाद पुलिस ने इन्हें दबोच लिया।

कमरे में शाह खून से लथपथ पड़े थे। शोर सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे।

मास्टरमाइंड भय्यू बोला – सभी प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी थी
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के अनुसार रिटायर्ड इंजीनियर शाह की हत्या के मुख्य आरोपी विवेक उर्फ भय्यू और उसके साथी निलेश व आशीष को को पकड़ लिया है। बदमाशों ने महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली व राजस्थान में फरारी काटते हुए भाग रहे थे। उनके पीछे क्राइम ब्रांच की 6 टीम लगी थी। उनके घर के चप्पे-चप्पे से वाकिफ है। उसे पता था कि अंकल का वारिस नहीं होने से प्रॉपर्टी ट्रस्ट में चली जाएगी। या फिर उन रिश्तेदारों को मिलेगी, जो कभी उनकी सुध ही नहीं लेते। मैंने कई बार कोशिश की, लेकिन वे मुझे देने को राजी ही नहीं थे। उनसे प्रॉपर्टी के लिए हर तरह का सौदा किया, लेकिन वे नहीं माने, इसलिए उनकी हत्या का विचार आ गया था। हालांकि यह अभी प्रारंभिक पूछताछ में सामने आई जानकारी है। कुछ और खुलासा भी हो सकता है।

शाह रिटायर्ड इंजीनियर थे और अहमदाबाद में एक आश्रम का काम देखते थे
पुलिस के मुताबिक, मृतक अजय पिता रसिकलाल शाह थे। अजय रिटायर्ड इंजीनियर थे और अहमदाबाद में आसाराम आश्रम का कामकाज संभालते थे। इस सिलसिले में उनका आना-जाना चलता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण लंबे समय से यहीं थे। घर में पत्नी अंजलि और केयर टेकर शीतल (19) रही हैं। पत्नी अंजलि पैरालिसिस के कारण चल-फिर नहीं पाती हैं। इसलिए शीतल ही उनका पूरा ख्याल रखती थी।

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