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- Indore Rain News Update, Narmada Three Feet Above The Danger Mark, Omkareshwar Dam Opened 10 Gates
इंदौर/उज्जैन/खंडवा7 घंटे पहले
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उज्जैन में शिप्रा का जलस्तर बढ़ने से बड़ा पुल भी डूब गया है।
- नर्मदा खतरे के निशान 885 से तीन फीट ऊपर, उज्जैन में पिछले 24 घंटे में 7 इंच से अधिक बारिश
- नर्मदा के ऊपरी क्षेत्र में तीन दिन से लगातार हाे रही बारिश, तवा और बर्घी बांध के गेट भी खाेले गए
मालवा-निमाड़ सहित प्रदेशभर में लगातार हो रही बारिश से नर्मदा और शिप्रा दोनों ही नदियां उफान पर हैं। नर्मदा जहां खतरे के निशान से तीन फीट ऊपर बह रही है। वहीं, उज्जैन स्थित शिप्रा का बड़ा पुल सहित निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। सिद्धवट घाट स्थित मंदिर भी पानी-पानी हो चुका है। नर्मदा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध के 10 गेट खोल दिए गए हैं। बांध के पानी काे लेवल में रखने के लिए 4 हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं, नर्मदा किनारे के सभी घाटाें पर अलर्ट जारी कर दिया गया।
सिद्धवट घाट स्थित मंदिर पूरी तरह से डूब चुके हैं।
बारिश के चलते तवा और बर्घी बांध के गेट भी खाेल दिए गए हैं। इससे नेमावर में शनिवार काे शाम 6 बजे तक नर्मदा खतरे के निशान 885 से चार फीट ऊपर 889 पर बह रही थी। प्रशासन ने एहतियातन नगर की निचली बस्तियाें काे खाली करवाकर लाेगाें काे राहत शिविराें में पहुंचाया। इधर नर्मदा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण किनारे बसे गांवाें में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

ओंकारेश्वर बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।
नगर परिषद नेमावर के सीएमओ हरिओम कचोले एवं खातेगांव तहसीलदार राधा महंत नगर की निचली बस्तियों में जाकर लोगों के मकान खाली करवाकर उन्हें शासकीय स्कूलाें में बनाए गए राहत शिविराें में पहुंचाने में जुट रहे। सीएमओ कचोले ने बताया निचली बस्ती हनुमान टेकरा और नर्मदा किनारे बसे लाेगाें का सामान शिविराें तक पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर-ट्राॅलियां सहित अन्य वाहनाें लगाए गए। शिविरों में भोजन की व्यवस्था भी की गई। थाना प्रभारी नीता देहरवाल ने बताया सुरक्षा की दृष्टि से निचली बस्तियाें व अन्य जगह नाले-रपट व पुल के समीप सुरक्षा उपकरणों से लैस पुलिस के तैराकों को तैनात कर दिया गया है। नावाें का भी अधिग्रहण कर लिया गया है।

नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से लगातार घाट डूबते जा रहे हैं।
नर्मदा किनारे बसे गांवाें का नेमावर से संपर्क कटा, सिद्धनाथ-नागर घाट भी जलमग्न
इधर, नर्मदा का पानी नाले पर बनी रपट पर आने से नेमावर के पश्चिम किनारे बसे गांव निमनपुर, नवाड़ा, बजवाड़ा, सुरजना, दावठा, मंडलेश्वर, धरमपुरी आदि गांवों का नेमावर से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। इसी तरह नर्मदा के पूर्व की और बसे गांव कुंडगांवखुर्द, कुंडगांवबुजुर्ग, मुरझाल, दैयत, चिचली, बिजलगांव का संपर्क भी नगर से कट गया। नगर के वार्ड क्रमांक 14 एवं 15 में नर्मदा का बैकवाटर घुसने से नगर से संपर्क कट गया। इधर, नर्मदा के मुख्य स्नान वाले सिद्धनाथ व नागर घाट भी जलमग्न हो गए है।

नेमावर में शनिवार रात नर्मदा खतरे के निशान से 4 फीट ऊपर बह रही थी।
शिप्रा भी उफान पर, चारों ओर बस पानी ही पानी
उज्जैन में लगातार पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश के बाद पूरा जिला पानी-पानी दिखाई दे रहा है। शहर में पिछले 24 घंटे में 7 इंच से अधिक बारिश हाे चुकी है। शहर के रामघाट सहित सिद्धवट घाट, केडी पैलेस, गणगौर दरवाजा, एकता नगर, शांति नगर सहित कई इलाके बारिश के पानी में डूबे हुए हैं। उज्जैन और आसपास के इलाकों में तेज बारिश के बाद शिप्रा नदी का रौद्र रूप रविवार को भी बना हुआ है। शिप्रा नदी के ऊपर बने बड़े पुल पर से करीब 2 फीट ऊपर पानी लगातार बह रहा है।
मौसम विभाग की माने तो उज्जैन जिले में अभी भी तेज बारिश की संभावना है। लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। उज्जैन के शिप्रा नदी किनारे गणगौर दरवाजे स्थित कई बड़े और छोटे यात्री निवासों में 6 से 8 फीट तक पानी भरा चुका है। जहां से तकरीबन 20 परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वहीं, उज्जैन के प्रसिद्ध सिद्धवट घाट स्थित मंदिरों में भी पानी-पानी ही दिखाई दिया। इसके अलावा केडी पैलेस पर भी शिप्रा नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है।
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