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- Flood In Hoshangabad Infiltrated The City Of Aftat, Army Arrived; Narmada 19 Feet Above The Danger Mark; Rainfall In All 52 Districts, Situation Worsens In 9 Districts, 19 On Orange Alert
भोपाल10 मिनट पहले
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प्रदेश में गत दो दिनों से हो रही बारिश के चलते प्रदेश के सभी नदी-नाले उफान पर आ गए। उधर, प्रदेश के लगभग सभी बांधों के गेट भी खोल दिए गए। नर्मदा नदी सहित अनेक नदियां उफान पर आ गईं। अनेक मार्ग अवरुद्ध हो गए। कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से भी टूट गया। पहली तस्वीर की शुरुआत होशंगाबाद से करते हैं, प्रदेश में तेज बारिश से यह जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है…
होशंगाबाद: सेना पहुंची होशंगाबाद, बारिश थमने से राहत

दो दिन से जारी बारिश के बाद होशंगाबाद शहर के संजय नगर में भवन पानी में डूब गए।

लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए नाव चलानी पड़ी, करीब 200 लाेगाें काे सुरक्षित निकाला।

भारी बारिश और बाढ़ के कारण बीटीआई क्षेत्र में पानी भर गया। घर का सामान और अपने आपको बचाने के लिए लोग अपने घरों को छोड़कर ट्रॉली में रहने लगे।

होशंगाबाद जिलें में शुरू हुआ बचाव कार्य, 200 लोगों को निकाला बाहर : होमगार्ड के 110 जवान एवं एसडीआरएफ के 28 जवानों की टीम ने महिमा नगर से लगभग 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

महिमा नगर, एसपीएम-1 काॅलाेनी, संजय नगर, आदमगढ, बंगाली कॉलोनी में घुसा पानी

शहर में पानी भर जाने के कारण हाेमगार्ड द्वारा नाव भी चलाई गई है। इसमें महिमा नगर, डाेंगरवाड़ा, संजय नगर, ग्वालटाेली, जासलपुर, बालाभेंट, बांद्राभान, धानाबढ़ में नाव से लाेगाें काे रेस्कयू कर निकाला गया है। पानी भर जाने के कारण लाेगाें काे घर से निकालकर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।

नारायण नगर, अंकिता नगर, न्यास काॅलाेनी के रहवासी दिनभर रहे परेशान

बारिश से क्षेत्र में नदी उफान पर हैं। ग्राम मकोड़िया का सड़क संपर्क टूट गया। शनिवार सुबह होशंगाबाद जिला अस्पताल में एक युवक की बीमारी के चलते मौत होने पर मार्ग बंद होने की स्थिति में ग्रामीणों ने रेल पटरी से पैदल चलकर युवक का शव गांव मकोडिया पहुंचाया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया।
शहर में 1973 में अभी तक की सबसे बड़ी बाढ़ आई है। इस समय नर्मदा का जलस्तर 987 फीट तक गया था। इस बार यह जलस्तर इसके पार कर सकता है। शहर में हर तरफ पानी ही पानी हाे गया है। लगातार हो रही तेज बारिश से शहर के निचले इलाके महिमा नगर, ग्वालटोली, हरदा पुल, संजय नगर कॉलोनी और एसपीएम रोड गेट नंबर एक के पास पानी भरा गया। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए नाव चलानी पड़ी। करीब 200 लाेगाें काे सुरक्षित निकाला।

बड़ा तालाब में पानी की आवक के कारण भदभदा डैम के सभी 11 गेट खाेले गए। इससे कलियासाेत डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। इसे नियंत्रित करने के लिए जल संसाधन विभाग ने दाेपहर बाद डैम के सभी 13 गेट खाेल दिए। जाे रात 10:30 बजे तक खुले हुए थे।

कोलार भी छलका, सभी आठ गेट खुले।

होमगार्ड के जवानों ने पानी में फंसे लोगों को देर रात सुरक्षित निकाला।

चिरायु की पार्किंग और मैदान शनिवार को दिनभर डूबे रहे। शुक्रवार देर रात 3 बजे हुई थी पानी भरने की शुरुआत।
शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात हुई बारिश का असर सुबह दिखाई दिया। नए और पुराने शहर की कई कॉलोनियों में पानी जमा हो गया। शहर के सभी डैम और तालाब लबालब हो गए। यानी अगस्त को पूरी तरह तर कर दिया। रोहित नगर के पास इंडस एम्पायर फेज 3 के कई मकानों में पांच फीट तक पानी भर गया। शनिवार देर रात होमगार्ड की टीम ने रेस्क्यू कर लोगों को नाव से निकाला। यहां स्वर्ण जयंती पार्क स्थित नाले का पानी ओवरफ्लो होकर काॅलोनी में घुस गया था।
खंडवा: ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट खोलकर पानी छोड़ने से शनिवार को नावघाट खेड़ी क्षेत्र में जलस्तर तेजी से बढ़ा

मंडलेश्वर में नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से घाट और वहां बने मंदिर पूरी तरह डूब चुके हैं।

मोरटक्का
ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट खोलकर पानी छोड़ने से शनिवार को नावघाट खेड़ी क्षेत्र में जलस्तर तेजी से बढ़ा। रात 11 बजे से मोरटक्का पुल के ऊपर से पानी जाने लगा। ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट खोलकर पानी छोड़ने से नावघाट खेड़ी क्षेत्र में जलस्तर तेजी से बढ़ा। खंडवा से इंदौर के वाहनों को देशगांव व इंदौर से खंडवा के वाहनों को तेजाजीनगर से डायवर्ट कर िकया। नर्मदा ने 165 मीटर को खतरे के निशान को लांघा तो आवागमन पर रोक लगा दी गई। वाहन मोरटक्का के एक्वाडक्ट पुल पर से होकर बड़वाह पहुंचे।
सीहोर: 5 साल बाद नर्मदा खतरे से 4 फीट ऊपर, 25 गांव बने टापू
दो दिन से लगातार हो रही बारिश से पूरे जिले में पानी ही पानी दिख रहा है। दरअसल इन दो दिनों की बारिश से बरगी, बारना, तवा और कोलार डैम के गेट खुलने से नदी-नाले सब उफान पर हैं जिससे 40 से ज्यादा रास्ते बंद हो गए हैं। 5 साल बाद नर्मदा नदी खतरे के निशान से 4 फीट ऊपर है। इससे 25 गांव बाढ़ से घिर गए हैं, इसमेें रेहटी भी शामिल है। वहीं 12 गांव पूरी तरह खाली कराए हैं। बुदनी और नसरुल्लागंज क्षेत्र में दूसरी नदी-नालों में उफान से रास्ते बंद हुए हैं। जिला मुख्यालय पर भी कई कॉलोनियों में लोगों के घरों में पानी भर गया। शहर के बकरी पुल और करबला पुल पर करीब 3 से 5 फीट तक पानी था। बुदनी में 6 इंच बारिश हुई।

छीपानेर | ये फोटो नर्मदा घाट से लगे मंदिर की है। शुक्रवार रात की बारिश से नदी उफान पर आ गई और 40 फीट का मंदिर डूब गया। नर्मदा का पानी यहीं नहीं रुका। ये यहां से होते हुए खेत और फिर सड़क तक पहुंच गया।

क्षेत्र के नीलकंठ राेड पर नर्मदा का पानी खेतों में भराया, सड़क पर पांच फीट से ज्यादा पानी।

क्षेत्र के नीलकंठ राेड पर नर्मदा का पानी खेतों में भराया, सड़क पर पांच फीट से ज्यादा पानी।
रायसेन: दूसरे दिन भी हुई 132 मिमी बारिश, बाढ़ में फंसे 613 लोगों को रेस्क्यू कर निकाला

गडरवास में पानी में फंसे एक कीर परिवार को नाव की मदद से निकाला गया, जिसमें दो महिलाएं, दो छोटे बच्चे और एक पुरुष शामिल था।
दो दिन से हो रही बारिश से जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है। बरेली और बाड़ी के कई गांवों में नर्मदा, घोघरा व बारना नदी के पानी घुस गया है। बरगी बांध और तवा बांध के गेट खुलने से नर्मदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। नर्मदा किनारे वाले गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन को अच्छी खासी मशक्कत करना पड़ रही है। अब तक प्रशासन द्वारा नर्मदा पट्टी वाले गांवों से 613 लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।
- नर्मदा, घोघरा और बारना नदी का पानी गांव में घुसा+

बरेली हुआ जलमग्न।

गर्भवती महिला को सुरक्षित निकाल कर लाते बचाव दल के सदस्य।

हरसिली गांव में फंसे लोगों को बचाने पहुंचा दल।
जबलपुर: भर गए सभी बांध, पिछले साल से ज्यादा आया पानी

जबलपुर| शनिवार को बरगी डेम के 19 गेट खोले गए।
अभी ही इतना पानी आ गया, जिससे पिछले साल की तुलना में 3 लाख हैक्टेयर ज्यादा रकबे की सिंचाई हो सकेगी। पिछले साल इसी समय तक 24 हजार मिलियन घन मीटर पानी 5 हजार 488 सिंचाई परियोजनाओं में आया था। इस बार अभी तक ही 25 हजार मिलियन घन मीटर पानी सिंचाई परियोजनाओं में आ चुका है।
इंदौर : छह घंटे में दो इंच बारिश, सालभर की जरूरत का पानी बरस गया, अब तक 35 इंच

पानी के बाद लबालब हो गया शहर…
शनिवार को शहर की जरूरत का पानी यानी 34 इंच से ज्यादा बारिश हो गई। सुबह से शुरू हुई बारिश रात साढ़े आठ बजे तक 2 इंच (51 मिमी) रिकॉर्ड हुई। इसे मिलाकर 35 इंच पानी बरस गया। पिछले साल की तरह इस बार भी जरूरत से बहुत ज्यादा पानी गिरने के आसार हैं। इस वक्त औसत 32 फीसदी ज्यादा पानी गिर चुका है। सितंबर में भी अच्छी बारिश के आसार हैं। इसी ठोस वजह यह है कि बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनने की गतिविधि जारी है। सितंबर के पहले सप्ताह में भी प्रदेशभर में पानी बरसेगा।
भक्ति का डोल ग्यारस

कोरोनाकाल और बारिश की डोल ग्यारस।
डोल ग्यारस का पर्व शनिवार को बारिश के बावजूद मनाया गया। कोरोना के कारण डोल निकालने पर पाबंदी है तो बड़ी ग्वालटोली स्थित श्रीराम मंदिर में भक्तों ने अपने कान्हा को थाली में बैठाकर ही झूला दिया।
अशोकनगर/चंदेरी: राजघाट के 16 गेट खोले, ललितपुर-चंदेरी मार्ग बंद, अब बेतवा खतरे के निशान पर

राजघाट डेम के खोले गए 16 गेट।
शुक्रवार-शनिवार रात से तेज बारिश शनिवार को डोल ग्यारस पर भी होती रही। मेघों ने भगवान का जलाभिषेक किया। तेज बारिश के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के रास्ते बंद हो गए। सबसे ज्यादा असर ललितपुर-चंदेरी मार्ग पर रहा। भोपाल, बासोदा, विदिशा में जारी तेज बारिश के चलते राजघाट डेम के 16 गेट खोले गए। जिसके चलते ललितपुर-चंदेरी मार्ग बंद रहा। वहीं मुंगावली में बेतवा खतरे के निशान पर पहुंच गई है। 24 घंटे में जिले में 3.5 सेमी बारिश दर्ज की गई।
देवास /नेमावर/ खातेगांव: नेमावर के 5 वार्ड जलमग्न, शेष 10 वार्डों में भी पानी से रास्ते बंद, नदी किनारे के 7 गांव बने टापू

नेमावर में नर्मदा के मुख्य स्नान वाले सिद्धनाथ और नागर घाट पूरी तरह से जलमग्न हाे गए।
नेमावर सहित नर्मदा के ऊपरी क्षेत्र में शुक्रवार शाम से शुरू हुई तेज बारिश शनिवार काे भी दिनभर हुई। इधर तवा व बर्घी बांध के गेट भी खाेल दिए गए। इससे नेमावर में शनिवार रात 10 बजे तक नर्मदा खतरे के निशान से 18 फीट ऊपर बह रही थी। इसके बाद भी लगातार पानी बढ़ रहा था। इससे नेमावर की निचली बस्तियाें में पानी घुस गया। प्रभावित हुए 250 से ज्यादा परिवाराें काे राहत शिविराें में पहुंचाया गया। सहायक नदी जामनेर, गाेनी व बागदी भी उफान पर थी। किनारे बसे मंडलेश्वर, दैयत, कुंडगांवबुजुर्ग, कुंडगांवखुर्द, चिचली, कराेंदमाफी, बिजलगांव आदि गांव टापू तब्दील हाे गए। इसी तरह दुलवा, जामनेर व कणां गांव जामनेर नदी के बैकवाॅटर से प्रभावित हुए। इधर नेमावर से बाहर जाने के वाले सभी मार्ग भी जलमग्न हो गए हैं। इसके चलते न काेई बाहर जा सकता और न ही काेई अंदर आ सकता है।
राजगढ़: रेड अलर्ट जारी, जिले में शुक्रवार रात से बारिश जारी, अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना

सुकड़ नदी के पुल पर पानी आने से रास्ता बंद
शहर सहित जिलेभर में बारिश का सिलसिला शुक्रवार रात से शुरू हुआ और अगले दिन शनिवार को भी जारी रहा। लगातार बारिश से जिलेभर में नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। बड़े बांध मोहनपुरा, कुंडालिया, कुशलपुरा, कुंवर चेन सागर बांध, छापी बांध का जलस्तर बढ़ गया है। नरसिंहगढ़ में कुंवर चैन सागर बांध के 9 गेट खोले गए हैं। इस सीजन में पहली बार यह स्थिति बनी है कि इस बांध के 9 गेट खोलना पड़े हैं। माेहनपुरा बांध के 12 और कुंडलिया के 7 गेट खाेले गए हैं। 24 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी के कारण जिले में रेड अलर्ट जारी किया गया है।

राजगढ़ में नेवज नदी के छोटे पुल पर आवाजाही बंद।

राजगढ़ में नेवज नदी के छोटे पुल पर आवाजाही बंद।
विदिशा: नेवन नदी का पानी खेतों में घुसा, घर बनाकर रहने वाले मजदूरों और किसानों को बचाया, लेकिन उम्मीदें डूबीं

ये तालाब नहीं खेत है…
शनिवार को हुई तेज बारिश के बाद नेवन नदी का पानी खेतों में घुस गया। ठर्र, सन, बंधेरा किरमची, लालाखेड़ी, हुस्नापुर, अहमदपुर आदि गांवों की फसलों को बहुत नुकसान हुआ है। नदी का पानी खेतों में घुसने से खरीफ की फसल बर्बाद हो गई।
कच्चा घर गिरा, बचे मां और बच्चे

शनिवार को शहर में तेज बारिश हुई। शाम को लोहांगी मोहल्ला में सोनू अहिरवार का कच्चा घर गिर गया। उस वक्त मकान में सोनू की पत्नी शारदा, बेटा अमित और 7 महीने की आशिका मौजूद थी। मकान का छप्पर गिरने के बाद मां शारदा घबरा गई और वे अपने बच्चों को लेकर बाहर निकली। इस बीच मकान का काफी हिस्सा धराशायी हो गया।
बैतूल: हाईवे 22 घंटे जाम, ताप्ती बैराज का एक हिस्सा बहा, बानूर का एक बालक लापता

बैतूल-परतवाड़ा मार्ग पर स्थित ताप्ती नदी का विकराल रूप।
शुक्रवार से शनिवार शाम तक 24 घंटे में 6 इंच बारिश होने के कारण नदियां उफान पर आ गईं। ताप्ती, माचना, सूखी, धार सहित अन्य नदियों के उफान पर होने से बाढ़ के हालात बनेेे रहे।
हरदा: 24 घंटे में साढ़े 4 इंच बारिश, नर्मदा खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर, 12 घंटे से हाईवे बंद

हरदा। पेड़ी घाट स्थित गणेश शंकर मंदिर की गुंबज तक पहुंचा पानी।
जिले में 24 घंटे से लगातार बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में 4. 37 इंच बारिश हो चुकी है। जिले की 8 प्रमुख नदियां उफान पर हैं। गंजाल और अजनाल नदी उफान आने से 12 घंटे से अधिक समय से नेशनल और स्टेट हाईवे पर आवागमन बंद है। हंडिया और टिमरनी के 11 गांव के तथा हरदा शहर के 4 वार्ड के कुल 1359 लोगों को प्रशासन द्वारा बनाए अस्थाई राहत शिविरों में शिफ्ट किया है। नर्मदा खतरे के निशान 272 मीटर से करीब 1 मीटर ऊपर बह रही है।
बीना: 24 घंटे में 4 इंच बारिश, शहर का संपर्क कई गांवों से टूटा,बाइक बही चालक बचा

बीना। भानगढ़ वाले मार्ग पर बनी पुलिया उफान पर, आवाजाही बंद रही।
बीते 24 घंटे में करीब 4 इंच बारिश होने के कारण क्षेत्र जलमग्न हो गया है। शुक्रवार एवं शनिवार की दरमियानी रात में तेज और लगातार बारिश होने के कारण नदी,नाले उफान पर आ जाने के कारण। शहर का संपर्क ग्रामीण क्षेत्र से टूट गया है। हांलाकि रास्ते बंद होने के अलावा क्षेत्र में कोई अप्रिय समाचार की सूचना नहीं है।
छतरपुर: बारिश के बहा अस्थाई पुल, जान जोखिम में डालकर टूटे पुल से वाहन निकाल रहे लोग

बारीगढ़ से गौरिहार रोड पर रामपुर गांव के पास से निकली केल नदी का पुल आज से करीब 1 साल पहले टूट गया था। पुल के दो पिलर पूरी तरह से नीचे धंस गए थे।
दमोह: तीसरे दिन भी पानी-पानी; नदियां उफान पर, सुनार, व्यारमा, गौरैया और शून्य नदी के पुलों पर पानी, आवागमन रोका

अब तक कुल 33.6 इंच, पिछले साल इस समय 34.4 इंच बारिश हुई थी

बटियागढ़ में जूडी नदी उफान पर
टीकमगढ़: ओरछा में राजा महल के पास से निकली बेतवा नदी उफान पर

ओरछा में राजा महल

माताटीला बांध से शुक्रवार देर रात छोड़े गए पानी से बेतवा का पानी बुंदेला राजाओं की छतरियों तक पहुंच गया।
सावन का महीने सूखा बीत जाने के बाद भादौ की झड़ी से जिले की औसत बारिश का कोटा 72 फीसदी पूरा हो चुका है। पिछले कुछ दिनाें से बारिश में आई तेजी के बाद अब तक बारिश का आंकड़ा 720 मिमी हो गया है। मौसम विभाग के विशेषज्ञाें के मुताबिक अभी इस सप्ताह और बारिश की उम्मीद जताई जा रही है।
छिंदवाड़ा

24 घंटे से नदी के बीच फंसे युवक और उसके श्वान को हेलिकॉप्टर से रेक्स्यू किया गया।
सिवनी मालवा: शिव प्रतिमा तक पहुंचा पानी

सिवनी मालवा में नर्मदा के आंवली घाट पर स्थित भगवान शिव प्रतिमा के पास तक पानी पहुंच गया है। घाट के आसपास के खेतों में पानी भर गया।
सागर: विसर्जन कल, 8 गाड़ियां मूर्तियां लेने घर-घर आएंगी, मुहूर्त दोपहर 1.35 से शाम 6 बजे तक ही रहेगा

सागर की लाखा बंजारा झील ओवरफ्लो
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