किसान, मजदूर और युवाओं की खुदकुशी के आंकड़ों से कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना | bhopal – News in Hindi

किसान, मजदूर और युवाओं की खुदकुशी के आंकड़ों से कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना | bhopal – News in Hindi


कांग्रेस ने मामले में प्रदेश शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. फाइल फोटो.

NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में 10281 किसानों और खेतिहर मजदूरों ने जान दी है. जबकि 32,559 दिहाड़ी मजूदरों ने आत्महत्या की है. साल 2019 में कुल 139,123 लोगों ने पूरे देश में जान दी.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    September 6, 2020, 11:28 PM IST

भोपाल. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस (Congress) ने शिवराज सरकार (Shivraj Government) पर निशाना साधा है. यह रिपोर्ट किसान, मजदूर, बेरोजगार युवाओं की खुदकुशी को लेकर जारी हुई है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी, पूर्व मंत्री और कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाल ही में आई एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि 2019 सबसे अधिक आत्महत्या करने वाला साल बन गया है. 2019 में 10281 किसानों और खेतिहर मजदूरों ने जान दी है. जबकि 32,559 दिहाड़ी मजूदरों ने इस अवधि में आत्महत्या की है. साल 2019 में कुल 139,123 लोगों ने पूरे देश में जान दी. पूरे देश में मौत को गले लगाने वाले लोगों में 7.4 फीसदी लोग खेती से जुड़े किसान और खेतिहर मजूदर थे. यही नहीं आत्महत्या करने वालों में बेरोजगार युवा भी थे.

बीजेपी पर साधा निशाना

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि क्या यही अच्छे दिन हैं, जिसे भारतीय जनता पार्टी (BJP), पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने देने का वादा किया था. अब लोग गुहार लगा रहे हैं कि हमें हमारे पुराने दिन ही लौटा दो. जीतू पटवारी ने बताया कि गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले एनसीआरबी के अनुसार, प्रदेश मध्य प्रदेश में 12,457 किसान, मजदूरों और युवा बेरोजगारों ने आत्महत्या की है. उन्होंने कहा कि यह प्रदेश की वस्तु स्थिति है और यही शिवराज सिंह चौहान का असली चेहरा है. मध्य प्रदेश को आत्महत्याओं का हब बना दिया है.

सीहोर में सबसे ज्यादा खुदकुशीजीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान जिस जिले सीहोर की बुधनी विधानसभा से चुनकर आते हैं, वहां पिछले तीन दिनों में तीन-तीन लोगों ने आत्महत्या की है. यह देश का सबसे अधिक आत्महत्या करने वाला जिला बना हुआ है. जीतू पटवारी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री से किसानों, मजदूरों और युवा बेरोजगारों की आत्महत्या को लेकर सवाल किए जाते हैं, तो उनके मंत्री कहते हैं कि किसान की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. मुझे उनके इस उत्तर से शर्म आता है. दुःख होता है. किसान जब अन्न उगाकर देता है, देश का पेट भरता है, तब वह भगवान होता है. वह जब परेशान होकर आपकी यातनाओं से आत्महत्या करने को मजबूर होता है, तब मुख्यमंत्री और आपके मंत्री उनकी मानसिक स्थिति, दिमाग खराब होने का वक्तव्य देते हैं. जीतू पटवारी ने कहा कि किसान देख रहा है, किसान की आह ऐसी लगेगी कि आप समझ नहीं पाओगे. आपने गोलियां चलवाई थीं, मुकदमे लगवाए थे, थाने में पिटवाया था अब उनकी आह ले रहे हो, यही एनसीआरबी के आंकडे़ बताते हैं.





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