मुरैना16 घंटे पहले
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- कई स्कूलों में कोरोना संक्रमण के डर से अभिभावकों ने बच्चों को भेजा ही नहीं
- कक्षा 6 से 12वीं के बच्चे स्कूलों में पहुंचे, लेकिन कोरोना से बचाव की गाइड लाइन कहीं नजर नहीं आई, पहले ही दिन नियम टूटे
केंद्र सरकार की गाइड लाइन के तहत सोमवार से जिलेभर में सरकारी व निजी स्कूल खुले। लेकिन कोरोना से बचाव के लिए तैयार गाइड लाइन का पालन कहीं भी होता नजर नहीं आया। अधिकांश स्कूलों में बच्चे पहुंचे तो उनकी थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की गई। वहीं हाथों को सेनेटाइज करने वाला सेनेटाइजर भी स्कूल के दफ्तरों में काम करने वाले बाबुओं की टेबल ही दिखा मिला। ऐसे में कोरोना संक्रमण से बच्चों का बचाव कैसे होगा, यह बड़ा सवाल है। गंभीर बात यह है कि कई स्कूलों में तो प्राचार्य ही नहीं आए, जिसकी वजह से थर्मल स्क्रीनिंग मशीनें उनके कक्षों में ताले के अंदर रखी मिलीं।
जिला शिक्षा अधिकारी सुभाषचंद्र शर्मा का कहना है कि 9वीं से 12वीं तक की क्लास खोलने के निर्देश गाइडलाइन में शामिल हैं। लेकिन बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल नहीं आना बल्कि उन्हें स्टडी से संबंधित किसी सॉल्यूशन के लिए स्कूल आना है और मार्गदर्शन लेकर घर लौटना है। विधिवत कक्षाएं प्रारंभ किए जाने के फिलहाल कोई आदेश जारी नहीं किए गए ऐसे में विद्यालय भी सिर्फ वही बच्चे मार्गदर्शन लेने के लिए पहुंच रहे हैं जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई व मार्गदर्शन लेने के संसाधन उपलब्ध नहीं है।
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