मोटर व्हीकल रूल्स 1989 में कई तरह के बदलाव किए गए हैं.
मोटर वाहन नियमों (Motor Vehicles Rules) में संशोधन के बाद अब इन्हें 1 अक्टूबर 2020 से लागू भी कर दिया जाएगा. इसमें कई ऐसे बदलाव किए गए हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है. अब गाड़ी के साथ डॉक्युमेंट्स साथ रखने की अनिवार्यता नहीं होगी.
- News18Hindi
- Last Updated:
September 30, 2020, 3:03 PM IST
1. वाहन संबंधित डॉक्युमेंट्स का फिजिकल वेरिफिकेशन
अगर किसी वाहन संबंधी डॉक्युमेंट्स को डिजिटल वैलिडेशन पूरा हो गया है तो उन्हें फिजिकल रूप में कोई डॉक्युमेंट्स दिखाने की जरूरत नहीं होगी. इसमें वो मामले भी शामिल होंगे, जिसमें नियमों में उल्लंघन के बाद डॉक्युमेंट्स ज़ब्त करने की जरूरत होती है. यहां तक कि ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वालों को ई-चालान भी सरकार के डिजिटल पोर्टल के माध्यम से जारी किया जाएगा.
2. अगर ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की जरूरत पड़ी तो क्या होगा?अगर कोई ऐसा मामला सामने आता है, जहां नियमों में उल्लंघन की स्थिति में किसी ड्राइवर का लाइसेंस कैंसिल करने की नौबत आती है तो अथॉरिटीज को इस बारे में डिजिटल पोर्टल पर रिपोर्ट करना होगा. इसके बाद पोर्टल पर जानकारी अपडेट कर दी जाएगी. यहां ड्र्राईवर और वाहन संबंधी सभी रिपोर्ट क्रमबद्ध होगा.
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3. नये सिस्टम में बचने की गुंजाईश नहीं
नियमों के उल्लंघन करने वालों के रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से मेंटेन किया जाएगा और अथॉरिटीज ड्राईवर के व्यवहार तक को मॉनिटर कर सकेंगी. केवल ड्राईवर ही नहीं बल्कि जांच का टाइम स्टैम्प, पुलिस अधिकारी का यूनिफॉर्म सहित पहचान पत्र का रिकॉर्ड भी पोर्टल पर अपडेट किया है. इसके दायरे में अधिकृत अधिकारी भी आएंगे. दरअसल, सरकार चाहती है कि किसी भी वाहन की चेकिंग बार-बार नहीं की जाए और ड्राइर्वस को भी किसी भी तरह के उत्पीड़न से बचाया जाए.
4. आप अपने संबंधित डॉक्युमेंट्स कहां स्टोर कर सकेंगे?
ड्राईवर्स अपने वाहन संबंधित डॉक्युमेंट्स को केंद्र सरकार की ऑनलाइन पोर्टल पर स्टोर कर सकते हैं, जैसे – Digi-locker या m-parivahan. अब उन्हें अनिवार्य रूप से अपने डॉक्युमेंट्स वाहन के साथ रखकर नहीं चलना पड़ेगा.
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5. कब इस्तेमाल कर सकेंगे मोबाइल फोन्स?
मंत्रालय ने ड्र्राईविंग के दौरान मोबाइल फोन्स के इस्तेमाल करने के नियमों में भी संशोधन किया है. ड्राईविंग के दौरान मोबाइल फोन्स या अन्य हैंडहेल्ड डिवाईस का इस्तेमाल केवल रूट नैविगेशन के लिए ही किया जा सकता है. साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा रूट नैविगेशन के समय पूरा ध्यान ड्राईविंग पर ही हो. इसके अलावा फोन का इस्तेमाल करने पर जुर्माना देना पड़ सकता है. यह भी साफ किया गया कि ड्राइविंग के दौरान फोन पर बात करते हुए पकड़े जाने पर 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का फाइन लग सकता है.