नीमच18 घंटे पहले
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- जिला अस्पताल में सफाई नहीं, कैसे करेंगे बीमारी पर नियंत्रण
जिले की 1.30 लाख आबादी के लिए बने जिला अस्पताल के हाल-बेहाल है। सुविधा और सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। फिर भी हालत जस के तस है। मरीजों को बेहतर सुविधा देने के दावे खोखले हैं। अस्पताल के हर वार्ड औैर उसके आसपास सफाई का अभाव है। डस्टबिन दोपहर 12 बजे तक खाली नहीं हो रहे हैं। वर्तमान में मलेरिया का प्रकोप भी बढ़ने लगा है।
मौसम में आ रहे बदलाव से अस्पताल की ओपीडी रोज 300 से ऊपर जा रही है। वार्डों में भर्ती मरीजों के पलंग पर चद्दर तक नहीं बदल रहे हैं। गंदी चद्दरों को रखने की सही व्यवस्था नहीं है। लाखों की लागत वाले खराब हो चुके उपकरण कबाड़ में पड़े हुए हैं। अस्पताल के जिम्मेदार हकीकत को छिपाते हुए भर्ती मरीजों को बेहतर उपचार व सुविधा के झूठे दावे कर रहे हैं। इन्हीं खामियों के कारण कायाकल्प योजना में अस्पताल बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है। जिम्मेदार अधिकारी सूचना देकर निरीक्षण करते हैं तब व्यवस्था सुधर जाती है। उनके जाते ही पुराने हालत बन जाते हैं।
जिला अस्पताल में स्वच्छता मिशन के तहत लोगों को जागरूक करने तथा परिसर में सफाई रखने के लिए दीवारों पर स्लोगन लिखे हैंं। इनका सफाईकर्मी व स्टाफ के लोग ही पालन नहीं कर रहे हैं। वार्डों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट को खुले डस्टबिन में डालते हैं। जो समय पर साफ भी नहीं करते। डस्टबिन पूरा भरने पर वेस्ट को पॉलिथिन की में भरकर वार्ड के पास ही ढेर लगा रखे हैं।
इससे वार्डों में भर्ती मरीज व अटेंडरों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। डेंगू व मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए परिसर की लगातार सफाई होना चाहिए। जिम्मेदार इस पर ध्यान नही दे रहे हैं। मच्छर पनप रहे हैं। इनके कारण मरीजों को रात में नींद तक नहीं आती।
गंदे कपड़े बाहर डाल रहे- अस्पताल के वार्डों में पलंग के गद्दे पर बिछाई जाने वाली चादर भी मरीज की छुट्टी होने के बाद बदली जाती है। वार्डों के गंदे कपड़े व चादर रखने के लिए वार्ड के बाहर पेटी रखी। कर्मचारी चादरों को पेटी में नहीं डालते हुए बाहर ही फेंक देते हैं। स्टाफ नियमों का पालन करने में गंभीर नहीं है ।
गंदगी छिपाने के लिए चादर का पर्दा डाल रखा- अस्पताल की नालियों की सफाई सही नहीं होती। वार्डों के साइड में नालियां पानी से भरी हुई है। आने-जाने वाले लोगों की इस पर नजर नहीं जाए इसलिए मरीजों के पलंग पर बिछाई जाएगी वाली चादर का उपयोग पर्दे के रूप में करके नालियों की गंदगी को छिपाया जा रहा है।
लॉड्री भवन बना गोदाम- अस्पताल परिसर में लाखों की लागत के उपकरण खराब हालत में पड़े हुए हैं। इन्हें रखने के लिए प्रबंधन के पास जगह तक नहीं है। परिसर में बने लॉड्री भवन को अटाला गोदाम बना रखा है। जहां खराब उपकरण के ढेर लगे हुए हैं। अस्पताल प्रबंधक द्वारा न तो इन्हें बेचा जा रहा ना ही ठीक करा रहे हैं।