पिंकेथॉन फिटनेस रन: हेल्थ अवेयरनेस के लिए पिंक रंग में रंगी महिलाएं दौड़ीं

पिंकेथॉन फिटनेस रन: हेल्थ अवेयरनेस के लिए पिंक रंग में रंगी महिलाएं दौड़ीं


भोपाल3 मिनट पहले

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रविवार को पिंकेथॉन में पिंक रंग में रंगी महिलाओं ने 5 किमी. रन में लिया भाग।

  • 5 किमी की रन और जुम्बा सेशन भी हुआ

रविवार की सुबह बोट क्लब सिर्फ गुलाबी ठंड से ही नहीं, बल्कि गुलाबी टी-शर्ट पहने फिटनेस पसंद लोगों से भी सजा हुआ था। मौका था फार्विड क्लब द्वारा आयोजित पिंकेथॉन 3.0 रन का। इस 5 एवं 10 किमी रन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन द्वारा एंट्री दी गई थी। जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल के सहयोग से आयोजित हुई इस फिटनेस रन में 413 लोगों ने भाग लिया।

सुबह 7 बजे विधायक कृष्णा गौर ने प्रतिभागियों का प्रोत्साहन किया। उसके बाद उनके साथ साथ विशिष्ट अतिथियों आशा जोशी, चेयरपर्सन जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल, दिव्या पाराशर, सीईओ जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल और तन्मय राव, डायरेक्टर रेस ने फ्लैग ऑफ किया।

पिंकेथॉन में अपने ग्रुप के साथ महिलाओं ने फिटनेस रन के साथ मस्ती भी की।

पिंकेथॉन में अपने ग्रुप के साथ महिलाओं ने फिटनेस रन के साथ मस्ती भी की।

रन बोट क्लब से शुरू होकर शीतल दास की बगिया से होते हुए, सीएम हाउस के सामने से होकर बोट क्लब पर ही आकर खत्म हुई। सफलतापूर्वक रन पूरी करने पर प्रतिभागियों को मेडल प्रदान किये गए। इस मौके पर विशिष्ठ अतिथि सुनील जैन 501 ने भी प्रतिभागियों और आयोजकों को सफल आयोजन की बधाई दी।

जुम्बा सेशन में ट्रेनर के स्टेप्स को फॉलो करती महिलाएं।

जुम्बा सेशन में ट्रेनर के स्टेप्स को फॉलो करती महिलाएं।

रन के बाद ज़ुम्बा का ज़बरदस्त आयोजन हुआ जिसमे प्रतिभागियों ने दिल खोलकर डांस किया। इस अवसर पर वेगन चाय का इंतज़ाम भी किया गया था।

कैंसर सर्वाइवर रुचिका सचदेव ने बताया कि मुझे ब्रेस्ट कैंसर है। लगातार कीमोथैरेपी के बाद जिंदगी में बहुत स्ट्रेस था। तब मैंने सोचा कि जिंदगी को फुलऑन जिऊंगी। तब से मैंने हेल्थ फिटनेस पर काम किया। मैराथन में भाग लिया। आज भी मैंने 5 किमी. की रन पूरी की। उसके बाद जुम्बा भी किया। मैं लोगों को यही मैसेज देना चाहूंगी-’जिंदगी अभी बाकी है मेरे दोस्त।’

पिंकेथॉन ने देश भर की महिलाओं को दौड़ने के लिए प्रोत्साहित कर उन्हें अपनी जिन्दगी में एक सकारात्मक बदलाव लाने का मौका दिया है। पिंकेथॉन के जरिए महिलाओं को ये समझाया गया कि कैसे थोड़ा सा “मी टाइम” सबके लिए जरूरी होता है और किस तरह अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखकर वह न केवल खुद की जिंदगी में ताजगी और खुशियां भर सकती हैं, बल्कि परिवार को भी स्वस्थ और खुशहाल रख सकती हैं।



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