महिला नशबंदी शिविर में हादसा: नसबंदी ऑपरेशन के बीच डॉक्टर के सीने में उठा दर्द, रोका शिविर, 30 में से 29 महिलाओं को वापस घर लौटाना पड़ा

महिला नशबंदी शिविर में हादसा: नसबंदी ऑपरेशन के बीच डॉक्टर के सीने में उठा दर्द, रोका शिविर, 30 में से 29 महिलाओं को वापस घर लौटाना पड़ा


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बड़ामलहरा20 घंटे पहले

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बड़ामलहरा। ऑपरेशन के लिए अपनी बारी के इंतजार में महिलाएं और दूसरे चित्र में अस्पताल में अपना पंजीयन कराती महिलाएं

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ामलहरा में इस मौजूदा सीजन के पहले महिला नशबंदी शिविर में ऑपरेशन के दौरान अचानक डॉक्टर के बीमार हो जाने से केवल एक महिला के ऑपरेशन के बाद शिविर को स्थगित कर दिया गया।

बड़ामलहरा अस्पताल में बीते रोज दूरबीन पद्धति से महिला नसबंदी के लिए इस मौजूदा सीजन के पहले शिविर का आयोजन अस्पताल में किया गया। इस शिविर में ऑपरेशन के लिए 30 महिलाओं के पंजीयन किए गए। समय पर ऑपरेशन के लिए पंजीकृत सभी महिलाएं अा गईं। दोपहर एक बजे इन महिलाओं को बेहोशी का फोर्टबीन डोज दिया गया।

दोपहर डेढ़ बजे छतरपुर से प्राइवेट चिकित्सिक डॉ. पवित्र दोसाज अपनी टीम लेकर ऑपरेशन के लिए बड़ामलहरा पहुंचे। वह ऑपरेशन थियेटर में पहुंचे और पहली महिला फूला बाई पति गोविंद यादव 30 वर्ष का ऑपरेशन शुरू किया। वह ऑपरेशन कर रहे थे उसी समय उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ, हालांकि इस दौरान उन्होंने महिला फूला बाई का सफल ऑपरेशन कर दिया था।

लेकिन इसके बाद वह सीने में दर्द के चलते दूसरा ऑपरेशन करने की स्थिति में नहीं थे, इस पर प्रभारी बीएमओ ने उन्हें तत्काल उनकी टीम सहित छतरपुर वापस भेज दिया और ऑपरेशन शिविर स्थगित करने की घोषणा कर दी।

इस समय जिला मुख्यालय में नहीं है कोई भी सर्जन

सूत्रों की मानें तो छतरपुर मुख्यालय में 4 सर्जन हुआ करते थे, इनमें से डॉ. सुनील चौरसिया ने किन्हीं कारणवश इस्तीफा दे दिया है। जबकि डॉ. केके चतुर्वेदी, डॉ. गीता चौरसिया, डॉ. शेष लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे हैं। एलटीटी शिविर चालू हो गए हैं लेकिन शासकीय सर्जनों का जिले में टोटा है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग प्राइवेट सर्जनों की सेवाएं ले रहा है। इसी के तहत ऑपरेशन के लिए छतरपुर से प्राइवेट सर्जन आए थे, लेकिन सीने में यकायक दर्द होने की वजह से शिविर को रोक दिया गया।

महिलाओं को दे दिया था बेहोशी का डोज

नसबंदी ऑपरेशन के लिए पंजीकृत 30 महिलाएं अस्पताल पहुंच गई थीं। उन्हें बेहोशी का डोज दे दिया गया, ऑपरेशन शुरू हुआ, लेकिन एक ऑपरेशन के बाद डॉक्टर को सीने में दर्द होने पर शिविर रोक दिया गया। ऐसी स्थित 29 महिलाओं को कुछ घंटे बाद होश में आने पर वापस भेज दिया गया।

अगले शिविर में किए जाएंगे ऑपरेशन

डॉक्टर के बीमार होने पर शिविर रोक दिया गया। महिलाओं को होश में आने पर घर भेज दिया। अगले शिविर में इन महिलाओं के ऑपरेशन किए जाएंगे।
डॉ. केपी बामौरिया,प्रभारी बीएमओ



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