टेस्ला का भारत में आना क्यों है बड़ा इवेंट?
इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के लिए यह कोई नई बात नहीं है. भारत उन देशों में शुमार है, जहां सबसे पहले इलेक्ट्रिक वाहनों का मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट शुरू हुआ था. लेकिन, इसके बाद भी टेस्ला का भारत में आना एक बड़ा इवेंट माना जा रहा है. आखिर ऐसा क्यों? जानकारों का मानना है भारत में इलेक्टिक कार का आगमन उत्साहजनक नहीं है, बल्कि असली वजह इलॉन मस्क हैं. पिछले कुछ साल इलॉन मस्क ने जो भी काम किया है, वो सोना साबित हुआ है. लेकिन, इन सबके बावजूद भारत में टेस्ला की क्या पेशकश होगी?
टेस्ला को लेकर इतना उत्साह क्यों?बीते कुछ सालों में टेस्ला को लेकर एक माहौल तैयार हुआ है. एक बात यह भी है कि इलेक्ट्रिक वाहन सेग्मेंट में टेस्ला ने वो मुकाम हासिल किया है, जिसे मुमकिन होना भी मुश्किल माना जाता था. इस कंपनी के पास दूसरी कंपनियों के मुकाबले एक बड़ा रेंज है. टेस्ला ने एक बड़ा चार्जिंग नेटवर्क तैयार किया है ताकि उसके प्रोडक्ट्स को सपोर्ट मिल सके. टेस्ला की कारें एक ऐसे जेनरेशन की कार है, जिनमें क्लाउड कम्प्युटिंग (Cloud Computing) का जबरदस्त इस्तेमाल किया गया है. टेस्ला के ऑटो-पाइलट मोड (Tesla Auto Pilot Mode) की भी खूब चर्चा है. वास्तव में टेस्ला एक भविष्य की कार है. लेकिन, प्रोडक्ट के अलावा इस कंपनी की इनोवेटिव मार्केटिंग का भी काफी योगदान है. इसका टेस्ला को विशेष लाभ मिला है.
टेस्ला के सामने चार बड़ी चुनौतियां
लेकिन, इन सबके बीच भारत में टेस्ला के लिए असली चुनौती क्या है? अगर आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं तो अब तक आपको अंदाजा हो गया होगा कि भारत में हजारों लोग ऐसे हैं, जो टेस्ला की कार खरीदना चाहते हैं. लेकिन, टेस्ला के लिए शुरुआती दिनों में कुछ चुनौतियां भी होंगी. इसकी प्रमुख तौर पर 4 वजहें हैं. पहला टेस्ला के कारों की कीमत, दूसरा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, तीसरा उनका सेल्स नेटवर्क और चौथा सर्विस नेटवर्क.
Tesla Model 3 (Photo: Tesla Website)
कीमतः टेस्ला के मॉडल 3 की कीमत 70 लाख रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है. भारत में आने वाली टेस्ला की यह कार सबसे सस्ती कार है. भारतीय बाजार के लिहाज से यह महंगी है. यहां सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार टाटा नेक्सान ने अब तक 10 महीने में केवल 2200 यूनिट्रस ही बेचा है. इस कार की कीमत 14 लाख से 16.25 लाख रुपये के बीच है. हालांकि, इसके उलट मर्सिडिज-बेंज़ ने ईक्यूसी को लॉन्च किया है, जिसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपये से अधिक है. ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि भारत में टेस्ला अपना रास्ता बना लेगी.
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चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चरः एक समय ऐसा भी था जब इलॉन मस्क ने संकेत दिया था कि उनकी कंपनी भारत इसलिए नहीं आएगी, क्योंकि यहां चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है. यहां अभी भी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या पर्याप्त नहीं है और अधिकतर लोग घर पर ही अपनी इलेक्ट्रिक कार चार्ज करते हैं. ऐसे में अगर टेस्ला को अपनी सेल्स बढ़ानी है तो उसे अमेरिका की तरह यहां भी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना होगा. एक बात यह भी है कि सुपरचार्जिंग इतनी सस्ती भी नहीं है.
सेल्स मॉडलः टेस्ला अपनी कारों की बिक्री डायरेक्ट सेल्स मॉडल के तहत करता है. कंपनी जगह-जगह पर अपनी स्टोर और गैलरी तैयारी करती है. यहां पर आप जाकर इन कारों के बारे में जान सकते हैं, समझ सकते हैं लेकिन खरीद नहीं सकते हैं. ऑनलाइन की टेस्ला की कार खरीदी जा सकती हैं. इसे एक जबरदसत मॉडल माना जाता है, लेकिन भारत में रजिस्ट्रेशन, टैक्सेशन और इंश्योरेंस सर्विसेज को लेकर समस्या हो सकती है. आमतौर पर यहां डीलरशिप पर ही ये सब काम हो जाता है. ऐसे में टेस्ला इसका समाधान क्या निकालेगी? भारत में अभी तक आप कोई कार डाउनपेमेंट कर ऑनलाइन बुक कर सकते हैं. सेल पूरा करने के लिए डीलरशिप पर जाना ही पड़ता है.
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सर्विसः टेस्ला की सर्विस ओवर-द-एयर डायग्नोस्टि एंड अपेडट्स पर बेस्ड होती हैं. लेकिन भारतीय कंडिशन में कारों पर विभिन्न तरीकों से असर पड़ता है. खराब रोड, ड्राइविंग समेत कई अन्य कारण हैं, जिनकी वजह से इन कारों को वर्कशॉप में ठीक किया जा सकता है. ऐसे टेस्ला को सर्विस नेटवर्क भी तैयार करना होगा.