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- Two Innocent Tortured People, Watching The Spectacle, Lost Their Lives, Did Not Even Get An Ambulance For Half An Hour
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इंदौर16 घंटे पहले
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दो अलग-अलग हादसों में जान गंवाने वाली मासूम।
- बावड़ी में 5 फीट पानी था, लोग पूछते रहे किसे तैरना आता है
फूटी कोठी की बिना जाली की बावड़ी में शनिवार सुबह 8.30 बजे सात साल की आराध्या पिता निशांत यादव डूब गई। चाचा पीयूष का कहना है कि मौके पर 50 से ज्यादा लोग थे, लेकिन किसी ने बचाने का प्रयास नहीं किया। सभी एक-दूसरे से पूछते रहे कि तैरना कौन जानता है? जबकि उसमें 5 फीट ही पानी था।
द्वारकापुरी पुलिस के अनुसार, दूसरी कक्षा की छात्रा आराध्या दादी के साथ मंदिर गई थी। दर्शन कर दादी बाहर आई तो वह नहीं दिखी। साइकिल दूर खड़ी थी। किसी ने पीयूष का फोन किया। वे बावड़ी में चप्पल तैरते देख नीचे उतरे और आराध्या को लेकर आए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। आराध्या माता-पिता की इकलौती संतान व परिवार के 10 भाइयों की अकेली बहन थी।
जिला अस्पताल में आधे घंटे तक नहीं मिली एंबुलेंस
धार रोड पर शुक्रवार शाम 6 बजे बेलगाम डंपर ने बाइक सवार अनिल सोलंकी और दो बच्चों निराली व निखिल को टक्कर मार दी। लोगों ने तीनों को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें एमवायएच रैफर कर दिया, लेकिन आधे घंटे तक एंबुलेंस नहीं मिली।
किसी से मदद भी नहीं की। निराली ने वहीं तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। चंदन नगर पुलिस के अनुसार, अनिल चोइथराम मंडी के पास सब्जी का ठेला लगाते हैं। चोइथराम नेत्रालय के सामने डंपर ने टक्कर मार दी। अस्पताल में एंबुलेंस नहीं होने से बच्ची तड़पती रही, लेकिन मदद नहीं मिली। इस मामले में सिविल सर्जन संतोष कुमार वर्मा का कहना है कि हमारी एंबुलेंस राज्यपाल के कार्यक्रम में थी। प्राइवेट एंबुलेंस अस्पताल के बाहर ही खड़ी रहती है।