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- CLAT Left CS Route, AIR 1 In The First Attempt, Said Increased Practical Portions In Education System
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सतना32 मिनट पहले
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सतना की आकांक्षा ने दैनिक भास्कर के साथ अपने अनुभव शेयर किए।
- कहा- आत्म विश्वास रखें, तो हिंदी मीडियम के छात्र भी छू सकते हैं शिखर
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज (CS) के एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम के न्यू सिलेबस में AIR-1 हासिल करने वाली सतना की बेटी आकांक्षा का कहना है, एजुकेशन सिस्टम में बदलाव की जरूरत है। वर्तमान में थ्योरी पर फोकस ज्यादा है, जबकि प्रैक्टिकल पोर्शन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही, स्कॉलरशिप के प्रावधान भी सरल करना चाहिए, क्योंकि कई बच्चे ऐसे भी होते हैं, जिनमें काबिलियत तो है, लेकिन आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं होते, इसलिए आगे नहीं बढ़ पाते। उन्हें सही मार्गदर्शन और मदद मिले, तो वे भी मुकाम हासिल कर सकते हैं। आकांक्षा ने भास्कर के साथ अनुभव शेयर किए।
कृष्णनगर में स्टेशनरी की छोटी सी दुकान चलाने वाले गणेश प्रसाद गुप्ता के चार बच्चे हैं। इनमें आकांक्षा दूसरे नंबर की बेटी है। आकांक्षा बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रही है। दसवीं में वह जिले में टॉपर रही। हायर सेकंडरी के बाद बीकॉम में राजीव गांधी कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन फोकस प्रतियोगी परीक्षा पर रहा। आकांक्षा ने CLAT क्वालीफाई किया। इसमें 1950वीं रैंक थी, लेकिन उसका लक्ष्य शायद सिर्फ यह नहीं था। उसने CS की तैयारी शुरू की। पहले ही प्रयास में फाउंडेशन में AIR 25 आई। यहां तक का सफर आकांक्षा ने खुद के बूते तय किया, लेकिन इसके बाद तैयारी के लिए इंदौर चली गई। यहां कोचिंग ज्वॉइन कर लक्ष्य हासिल करने मेहनत शुरू कर दी।
सेल्फ के साथ ऑनलाइन स्टडीज
आकांक्षा ने बताया, उसने सेल्फ स्टडीज पर फोकस किया। पढ़ाई हिंदी मीडियम की थी, लेकिन अंग्रेजी के बिना राह आसान नहीं हो सकती थी। लिहाजा, अंग्रेजी सुधारने के लिए भी प्रयास किए। यूट्यूब का सहारा लिया। वेब सीरीज देखी और अंग्रेजी के अखबार- मैगजीन पढ़े। आकांक्षा ने बताया, जब वह कोचिंग पहुंची, तो वहां अंग्रेजी मीडियम के स्टूडेंट्स के बीच एकबारगी असहजता तो महसूस हुई, लेकिन आत्मविश्वास के बूते इस मुश्किल को भी हल कर लिया।
प्लानिंग है जरूरी
आकांक्षा का कहना है कि सीएस परीक्षा का प्लानिंग का बड़ा महत्व है। पूरी प्लानिंग के साथ पढ़ाई की। हर सब्जेक्ट और चैप्टर को नंबरों के वेटेज के हिसाब से पढ़ा। प्रैक्टिकल पोर्शन पर ज्यादा ध्यान दिया। रोजाना हर सब्जेक्ट को बराबर-बराबर समय दिया। इसके साथ ही रिवीजन का भी पूरा ध्यान रखा।
रात भर नहीं आई नींद
आकांक्षा के पिता व्यापारी हैं। जब परिवार ने इसकी खबर सुनी तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। खुद आकांक्षा भी बेहद उत्साहित है। आकांक्षा ने बताया, रिजल्ट की इंतजार था। गुरुवार को जब रिजल्ट आया। AIR-1 के बारे में सुना, तो अगले 15 मिनट तक तो मुंह से कुछ शब्द ही नहीं निकले। रात भर नींद भी नही आई। आकांक्षा ने बताया, यह उपलब्धि माता – पिता और शिक्षकों के सहयोग – मार्गदर्शन से प्राप्त की है।