बैंक चोरी: एसबीआई से 15 किलो सोना चोरी के मामले के मुख्य आरोपी कैशियर पालीवाल की मौत

बैंक चोरी: एसबीआई से 15 किलो सोना चोरी के मामले के मुख्य आरोपी कैशियर पालीवाल की मौत


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श्योपुर37 मिनट पहले

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राजीव पालीवाल।

  • एसबीआई शाखा के लॉकर से जून में चोरी हुआ था सोना, पुलिस ने इस मामले में बनाए थे चार आरोपी
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत होना बताया, रतलाम से पत्नी के आने पर हुआ अंतिम संस्कार

सालभर पहले श्योपुर की शिवपुरी रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से 15 किलो 646 ग्राम सोना चोरी के मामले में मुख्य आरोपी और पूर्व बैंक कैशियर राजीव पालीवाल (33) की शनिवार सुबह मौत हो गई। उन्हें बेहोशी की हालत में घर से जिला अस्पताल लाया गया था, जहां प्राथमिक परीक्षण के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। फिलहाल उनकी मौत हार्ट अटैक से होना बताई जा रही है।

पुलिस ने मृतक का पीएम कराने के बाद उसका विसरा जब्त कर जांच के लिए ग्वालियर भेज दिया है। एसबीआई में सोना चोरी मामले में आरोपी बनने के बाद कैशियर पालीवाल को बर्खास्त कर दिया गया था। यहां बता दें कि श्योपुर की शिवपुरी रोड स्थित एसबीआई की शाखा में बैंक कैशियर राजीव पालीवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर 26 मार्च 2020 से लेकर 10 जून 2020 के बीच करीब 15 किलो 646 ग्राम सोना चोरी किया था।

इस मामले में 11 जून 2020 को कोतवाली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने जांच के बाद मामले में राजीव पालीवाल सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। राजीव पालीवाल जमानत के बाद से ही अपने घर पर रह रहा था। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
एसबीआई की ब्रांच में लॉकर से सोना चोरी होने का मामला सामने आने के बाद अस्पताल में भर्ती हुआ था राजीव
एसबीआई की ब्रांच में कैशियर रहे राजीव पालीवाल सोना चोरी का मामला सामने आने के बाद ही शक के घेरे में आ गए थे, क्योंकि जिस लॉकर से सोना गायब हुआ था उस लॉकर की चाबियां कैशियर राजीव के पास ही थीं। नई चाबियां आने के बाद जब सोना चोरी का मामला सामने आया तो राजीव का अचानक बीपी बढ़ गया और वह ग्वालियर के एक अस्पताल में जाकर भर्ती भी हुआ था। यहां से डिस्चार्ज होने के बाद ही पुलिस ने राजीव से पूछताछ शुरू की थी और मामले की परतें खुलने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
रतलाम से पत्नी के लौटने के बाद हुआ अंतिम संस्कार
मृतक राजीव पालीवाल की पत्नी अपने मायके रतलाम गईं हुईं थीं। अस्पताल में मौत की पुष्टि होने के बाद रतलाम में रह रहीं उनकी पत्नी को राजीव की मौत की सूचना दी। सूचना मिलने के बाद राजीव की पत्नी का पूरा परिवार रतलाम से उनके गृह गांव तिल्लीपुर के लिए रवाना हो गया। पत्नी के आने के बाद शाम को राजीव का अंतिम संस्कार किया गया।
यह था मामला… सितंबर 2019 की वारदात
बैंक मैनेजर विनोद लखनपाल ने 11 जून को कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया था कि एसबीआई की शाखा से सोने के 101 के पैकेट चोरी हुए हैं। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की तो मामले में बैंक कैशियर राजीव पालीवाल से पूछताछ में मामले की सभी परतें खुल गईं।

कैशियर राजीव पालीवाल ने अपने दोस्त नवीन गुप्ता और बड़ौदा की रहने वाली ज्योति गर्ग की मदद से सोने की चोरी की थी। इसकी पहली वारदात को अंजाम सितंबर 2019 में दिया गया। बैंक कैशियर राजीव ने सोने के एक ही पैकेट पर अपने साथी नवीन को 26 बार लोन दिलाया।

मार्च में राजीव पालीवाल का प्रमोशन होने के बाद उसका स्थानांतरण कर दिया गया तो चाबी खोने का बहाना दिया। बाद में 4 अप्रैल को सोने की चोरी की गई। इस मामले में एक अन्य आरोपी पंचायत सचिव रमेश जादौन है जो अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
इधर… बैंक ने वादे के बाद भी ग्राहकों का चाेरी गया 15 किलाे साेना अब तक नहीं लाैटाया
11 जून 2020 को एसबीआई शाखा के ब्रांच मैनेजर विनोद लखनपाल ने जो एफआईआर कोतवाली थाने में दर्ज कराई थी, उसके मुताबिक बैंक से सोने के 101 पैकेट चोरी होने की बात सामने आई थी। बाद में पूछताछ में जानकारी मिली थी कि 101 की बजाए 102 सोने के पैकेट चोरी किए गए थे।

जिसमें करीब 15 किलो 746 ग्राम सोना था। जानकारी के अनुसार जिस वक्त सोना चोरी हुआ था उस वक्त लॉकर के अंदर 204 ग्राहकों का सोना था। जिनमें 35 से ज्यादा लोगों की लोन की अविधि जून 2020 में ही पूरी हो गई थी, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी बैंक ग्राहकों को सोना नहीं लौटा सकी है। दरअसल लोगों का कहना है कि बैंक जब गोल्ड पर लोन देती है तब वह सोने की 24 कैरेट की राशि देती है।

ग्राहकों की मांग है कि उन्हें वर्तमान में बाजार भाव के हिसाब से बैंक 24 कैरेट सोने के हिसाब से राशि दे। इसके साथ ही 15 प्रतिशत जीएसटी चार्ज भी दे, लेकिन बैंक सिर्फ पुरानी राशि देने के लिए अड़ा हुआ है। ऐसे में ग्राहकों ने बैंक प्रबंधन को बीते मंगलवार को ही ज्ञापन सौंपकर धरना प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।
पीएम के बाद विसरा जांच के लिए भेजा

  • राजीव की मौत कैसे हुई इस मामले में अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं है। उसे अस्पताल में मृत लाया गया था। हमने फिलहाल उसका पीएम करके विसरा जांच के लिए भेज दिया है। विसरा रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस मामले में कुछ भी कहा जा सकता है। – डॉ. दिलीप सिंह सिकरवार, मृतक का पीएम करने वाले डॉक्टर

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