कोरोना संक्रमण: 72 घंटों में 6 मौतें, नए स्ट्रेन की भी जाँच नहीं, जिले में मिले 172 नए संक्रमित, सैंपलिंग तो बढ़ी लेकिन रिपोर्ट आने में लग रहा वक्त

कोरोना संक्रमण: 72 घंटों में 6 मौतें, नए स्ट्रेन की भी जाँच नहीं, जिले में मिले 172 नए संक्रमित, सैंपलिंग तो बढ़ी लेकिन रिपोर्ट आने में लग रहा वक्त


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जबलपुर3 घंटे पहले

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जिले में लगतार तीसरे दिन 2 व्यक्तियों ने कोरोना से जंग हारी है। पिछले तीन दिनों में ही 6 मौतें हो चुकी हैं। नए संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, शनिवार को 172 नए संक्रमित मिले हैं। कोरोना संक्रमण जितनी तेजी से फैल रहा है, सैंपलिंग होने के बाद रिपार्ट आने में भी विलंब बढ़ता जा रहा है।

ब्रिटेन, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका समेत कुछ अन्य देशों में वायरस के नए स्ट्रेन मिल चुके हैं, इनमें से कुछ नए स्ट्रेन की पुष्टि भारत में भी हो चुकी है, लेकिन शहर में वायरस का कौन सा स्ट्रेन सक्रिय है, इसकी जाँच आज तक नहीं कराई गई है।

शहर में भी कुछ सैंपल्स को लेकर स्ट्रेन की जाँच की जाए, तो तैयारियाँ और बेहतर की जा सकती हैं। वहीं कई मामलों में सैंपल देने के बाद 4-4 दिन तक रिपोर्ट नहीं मिल रही है, जिससे अन्य लोगों के संक्रमित होने का खतरा कई गुना बढ़ रहा है। जैसे-जैसे सैंपलिंग बढ़ाई जा रही है, वैसे-वैसे पेंडेंसी भी बढ़ रही है।

कहीं फिर से न पड़ जाए कोविड केयर सेंटर खोलने की जरूरत
जिस तरह से कोराेना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसा न हो कि फिर कोविड केयर सेंटर खाेलने पड़ जाएँ। प्रशासन द्वारा 1 जनवरी से कोविड केयर सेंटर बंद करा दिए गए थे। बढ़ते मामलों को देखते हुए शहर के निजी अस्पतालों को 20 प्रतिशत बिस्तर कोविड मरीजों के लिए आरक्षित करने भी कहा गया है।

1 बार हुई है जाँच, नहीं मिला था नया स्ट्रेन
ब्रिटेन में वायरस के नए और खतरनाक स्ट्रेन मिलने के बाद पिछले वर्ष 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक ब्रिटेन से शहर लौटे यात्रियों की कोरोना जाँच कराई गई थी, इसमें 28 दिसम्बर को एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने के बाद, स्ट्रेन की जाँच के लिए सैंपल एनडीसी दिल्ली भेजा गया था, हालाँकि तब 11 जनवरी को आई रिपोेर्ट में नए स्ट्रेन मिलने की पुष्टि नहीं हुई थी।

जाँच का टारगेट बढ़ा, लैब की क्षमता सीमित
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हफ्ते भर पहले तक जहाँ 1000 सैंपल प्रतिदिन जाँच के लिए भेजे जा रहे थे, वहीं भोपाल से निर्देश मिलने के बाद इसे बढ़ाकर 1500 कर दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सैंपल्स की जाँच मेडिकल की वॉयरोलॉजी लैब और अहमदाबाद की सुप्राटेक लैब से कराई जा रही है। सबसे ज्यादा पेंडेंसी मेडिकल की लैब में है, क्योंकि यहाँ अन्य जिलों से भी सैंपल जाँच के लिए आते हैं। लैब्स की क्षमता सीमित होने के चलते रिपोर्ट्स में देरी हो रही है।

निजी पैथालॉजी में कोरोना जाँच पर लगी रोक
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने निजी पैथालॉजी लैब में कोरोना की जाँच पर राेक लगाने के निर्देश दिए हैं, साथ ही पाँच रैंडम सैंपल जाँच के लिए एम्स भोपाल भेजे गए हैं। कोरोना की जाँच में प्रोटोकाल फॉलो न करने की शिकायतें मिलने के बाद यह निर्देश दिए गए। निर्देश में आगामी आदेश तक निजी अस्पतालों में कोरोना की जाँच नहीं होगी।

^जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए कुछ गाइडलाइन निर्धारित हैं। अगर किसी केस में लगता है कि स्ट्रेन की जाँच कराई जानी चाहिए, तो सैंपल दिल्ली भेजा जाएगा।
डॉ. रत्नेश कुरारिया, सीएमएचओ

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