मॉकड्रिल: रेलवे में बजा खतरे का सायरन, बड़े हादसे की सूचना पर पुलिस-प्रशासन के फूले हाथ पैर

मॉकड्रिल: रेलवे में बजा खतरे का सायरन, बड़े हादसे की सूचना पर पुलिस-प्रशासन के फूले हाथ पैर


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सतना3 मिनट पहले

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सकरिया और हिनौता रेलवे स्टेशन में रेस्क्यू करता रेलवे का अमला

  • सकरिया और हिनौता रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी के जीप से टकराने की सूचना निकली मॉकड्रिल

सकरिया और हिनौता रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी के जीप से टकराने की सूचना पर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में रेलवे के अधिकारियों से लेकर आरपीएफ और जीआरपी भागते-भागते हिनौता स्टेशन पहुंची। घटनास्थल का निरीक्षण कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। आकस्मिक दल ने मुस्तैदी दिखाते हुए रेस्क्यू पूरा कर मालगाड़ी को गंतव्य स्थान के लिए रवाना की।

आरपीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे मुख्यालय जबलपुर से हादसे का मैसेज मिला था। सूचना में बताया गया कि सकरिया और हिनौता रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी से जीप टकरा गई है। ऐसे में पूरा सतना-रीवा रेलवे मार्ग अवरूद्ध है। कई गाड़ियों को संबंधित स्टेशनों पर रोका जा रहा है। जानकारी के बाद रेल दुर्घटना राहत यान मौके के लिए रवाना हो गया है। जहां आकस्मिक दल ने मुस्तैदी दिखाते हुए रेस्क्यू पूरा कर लिया है।

बड़े हादसे की सूचना निकली मॉकड्रिल
मीडिया में चल रही खबरों में बड़े हादसे की सूचना मिली थी। ऐसे में हर कोई हादसे के बारे में जानना चाह रहा था कि वाक्या क्या हुआ है। बाद में रेलवे की ओर से बताया गया कि ये मॉकड्रिल थी, जो हर छह माह में होती है। इससे रेलवे अमले की दक्षता देखी जाती है कि कौन सा विभाग आपातकाल में कैसी मुस्तैदी दिखाता है।

अगर हादसा सही होता तो फेल हो जाते अधिकारी
दरअसल मंडल द्वारा हर छह माह में रेलवे कर्मचारियों की मुस्तैदी जानने यह मॉकड्रिल की जाती है। इस बार भी यही किया गया। इसमें रेस्क्यू दल कुछ हद तक कमजोर नजर आया। 1.30 बजे सूचना के बाद रेलवे स्टेशन सतना में 5 खतरे के सायरन बजे लेकिन चिकित्सा टीम, सुरक्षा दल और रेलवे के आपातकाल ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को इकट्ठा होने में ही आधा घंटा लग गया। जबकि घटना स्थल पर चिकित्सा यान पूरे एक घंटे देरी से पहुंची। अगर यह हादसा सच में होता तो कई जान इंतजार करते ही निकल जाती।

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