MP: मरीजों की सुरक्षा पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मांगी अस्पतालों की ऑडिट रिपोर्ट (फाइल फोटो)
मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि कोविड की मौजूदा स्थिति में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. इसके चलते बिजली खपत का लोड भी बढ़ा है. ऐसे में अब अस्पतालों में अग्नि और लिफ्ट सुरक्षा का महत्व और अधिक बढ़ गया है. सुरक्षा के मद्देनजर उनसे ऑडिट रिपोर्ट मांगी है.
भोपाल.मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh) के सभी अस्पतालों का कोरोना मरीज की बढ़ती संख्या और उनकी सुरक्षा के मद्देनजर ऑडिट किया जाएगा. इस ऑडिट को लेकर नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ( Bhupendra Singh) ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. इन अधिकारियों से प्रदेश के सभी अस्पतालों की रिपोर्ट 7 दिन में मांगी गई है. मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि कोविड (Covid) की मौजूदा स्थिति में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. इसके चलते बिजली खपत का लोड भी बढ़ा है. ऐसे में अब अस्पतालों में अग्नि और लिफ्ट सुरक्षा का महत्व और अधिक बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम, 2012 के नियम-87 (5) के परिप्रेक्ष्य में सभी शासकीय, निजी अस्पतालों की फायर ऑडिट और लिफ्ट सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट 7 दिन में मांगी गई है. ऑडिट की कमियों को दूर करना होगा मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि फायर और लिफ्ट सेफ्टी ऑडिट में जो भी कमियां पाईं जाएं, उसके बारे में संबंधित अस्पताल संचालक को लिखित में पूर्ति के लिये भी सूचित करना होगा. अस्पताल और नर्सिंग होम्स नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के भाग-04 अनुसार इंस्टीट्यूशनल बिल्डिंग्स की कैटेगरी में आते हैं. इन अस्पताल और नर्सिंग होम्स में फायर सेफ्टी मेजर्स के प्रावधान यथा टाईप, हाईट और एरिया नियमानुसार प्रावधान किये जाते हैं. 15 मीटर से कम हाईट, 1000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले अस्पताल और नर्सिंग होम के लिए फायर एक्सटिंग्यूशर एवं 5000 लीटर पानी की क्षमता का टेरेस टैंक स्थापित किया जाना आवश्यक है. अस्पतालों को मानना होगा नियमफायर इंजीनियर और इंजीनियर निर्माता कम्पनी का रजिस्ट्रेशन कराया जाना अनिवार्य करना है. यदि किसी निकाय में फायर इंजीनियर, लिफ्ट इंजीनियर का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है तो संबंधित नगरीय निकाय में पदस्थ फायर अधिकारी और ई-नगर पालिका पोर्टल पर दर्ज 17 फायर कंसल्टेन्ट्स की सूची में से किसी भी फायर इंजीनियर से फायर ऑडिट का कार्य कराया जाए. साथ ही निकाय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, भवन अधिकारी से भी दल गठित कर लिफ्ट ऑडिट का कार्य 7 दिन के अन्दर कराया जाए.