कांग्रेस पार्टी ने देशभर के पिछड़ा वर्ग समुदायों के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कदम बढ़ाया है। पार्टी ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग एडवायजरी काउंसिल का गठन किया है। इसमें मध्य प्रदेश से वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री अरुण य
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काउंसिल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के मार्गदर्शन में काम करेगी। इसका उद्देश्य ओबीसी वर्ग के मुद्दों को प्रमुखता से उठाना और संगठन स्तर पर उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है।
इन दिग्गज नेताओं को मिली जगह काउंसिल में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शामिल किया गया है। इनके अलावा सचिन पायलट, बीके हरिप्रसाद, गुरदीप सप्पल और वी. नारायणस्वामी को भी इसमें जगह दी गई है।
पहली बैठक में बनेगी रणनीति एआईसीसी ओबीसी विभाग के चेयरमैन अनिल जयहिंद को काउंसिल का कन्वीनर बनाया गया है, जबकि जितेंद्र बघेल सचिव की भूमिका निभाएंगे। काउंसिल की पहली बैठक जल्द बुलाई जाएगी, जिसमें आगामी कार्ययोजना और कार्यक्रमों को लेकर रणनीति तय की जाएगी।
कई वरिष्ठ नेता और युवा चेहरों को भी मौका काउंसिल में अमित चावड़ा, महेश गौड़, वीरप्पा मोइली, पूनम प्रभाकर और श्रीकांत जेना जैसे अनुभवी नेताओं को भी शामिल किया गया है। वहीं, अजय कुमार लल्लू, सुभाषिनी यादव, एस. ज्योतिमणि, विजय वेट्टीवार, धर्मेंद्र साहू, हिना कावरे और अदूर प्रकाश जैसे युवा नेताओं को भी इसमें जगह दी गई है।
कांग्रेस के इस कदम को आगामी लोकसभा चुनावों से पहले ओबीसी वर्ग को साधने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।