बालाघाट के लांजी स्थित कोटेश्वर धाम में सोमवार शाम एक अनूठा दृश्य देखने को मिला। कोसमारा के तीन भाइयों ने अपने माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर 20 किलोमीटर की यात्रा पूरी की।
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भीमराज नेताम, अनोत नेताम और दुर्गेश नेताम ने अपने पिता जयलाल नेताम और माता सुगनबाई नेताम को कांवड़ में बिठाकर कोटेश्वर धाम तक की यात्रा की। उनके साथ चाचा जलम नेताम सहित अन्य परिजन भी मौजूद थे।
भीमराज नेताम ने बताया कि उन्हें दो साल से यह इच्छा थी। उन्होंने गांव में शिवमंदिर तो बना लिया, लेकिन माता-पिता को कांवड़ से कोटेश्वर धाम ले जाने की मनोकामना अधूरी थी। इस सावन में सभी भाइयों ने मिलकर यह संकल्प पूरा किया।
सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दौरान देश भर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लांजी का कोटेश्वर धाम भी ऐसा ही एक प्रसिद्ध शिवालय है, जहां दूर-दूर से कांवड़िए जलाभिषेक करने आते हैं।
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