राजधानी के जेपी अस्पताल में दिला और दांत का उच्च स्तरीय इलाज मिलने का सपना एक बार फिर अधूरा रह गया है। कार्डियक यूनिट के बाद अब डेंटल यूनिट को अपग्रेड करने का टेंडर भी निरस्त कर दिया गया है। इस फैसले से अब मरीजों को हमीदिया अस्पताल और एम्स में ही लंब
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बता दे, पहले कार्डियक यूनिट का टेंडर निरस्त होने पर उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इसके पीछे टेंडर में तकनीकी समस्या को कारण बताया था। साथ ही, आमजन को भरोसा दिलाया था कि जल्द नया टेंडर किया जाएगा। जिससे मरीजों को जेपी अस्पताल में ही दिला के रोगों का संपूर्ण इलाज मिल सकेगा।
6 करोड़ की थी योजना दो साल पहले डेंटल यूनिट को अपग्रेड करने के लिए 6 करोड़ रुपए की योजना तैयार की गई थी। इसका प्रस्ताव जेपी अस्पताल प्रबंधन द्वारा तैयार किया गया था। जिसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंजूरी दी थी। इसमें 55 मॉडर्न मशीनें और उपकरण लगाने, अलग ओटी और वार्ड तैयार करने के साथ नई डेंटल क्लिनिक में उन्नत सर्जरी शुरू करने का प्रस्ताव था। निर्माण कार्य की शुरुआत भी हो चुकी थी, लेकिन अचानक मशीनों की खरीदी से जुड़ा टेंडर निरस्त कर दिया गया।
मरीजों की बढ़ती दिक्कतें वर्तमान में डेंटल विभाग में कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद नहीं है। केवल रूट कैनाल, फिलिंग और दांत निकालने जैसी बेसिक सेवाएं ही मिल रही हैं। कई बार इन छोटी प्रक्रियाओं के लिए भी मरीजों को 2-3 हफ्ते इंतजार करना पड़ता है। रोजाना ओपीडी में आने वाले 4 से 5 मरीजों को जटिल प्रक्रियाओं के लिए रेफर कर दिया जाता है।
नई यूनिट में मिलती यह सुविधाएं
- अकल दाढ़ की सर्जरी,
- जबड़ा फ्रैक्चर का इलाज,
- बच्चों के दांतों की नसों की समस्याओं का उपचार,
- केविटी की परमानेंट फिलिंग,
- और ओरल मैक्सोफेशियल सर्जरी जैसी सुविधाएं मिलनी थीं।
अस्पताल प्रबंधन भी अनजान सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने कहा, फिलहाल मेरी जानकारी में यह मामला नहीं है। एनएचएम इस यूनिट को अपग्रेड कर रहा था। मैं इस बारे में पता करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।