रायसेन में 72 घंटे से हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। जिले की कई तहसीलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। नर्मदा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे से बारना बांध के सभी आठ गेट खोल कर 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
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बरेली की निचली बस्ती होली चौक के घरों में पानी भर गया है। वहां के रहवासियों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। बेगमगंज, सिलवानी, उदयपुरा सहित पूरे जिले में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।बाढ़ के कारण कई मार्ग बंद हो गए हैं। बरेली-छिंदवाड़ा मार्ग तेंदुनी नदी के पुल पर पानी आने से बंद है। इसी तरह बोरास में नर्मदा नदी के पुल पर पानी आने से उदयपुरा-गाडरवारा मार्ग भी बंद हो गया है।
50 मजदूरों को रेस्क्यू कर वन परिसर पहुंचाया गया।
बाढ़ में फंसे मजदूरों को वन परिसर में पहुंचाया कटनी जिले से धान लगाने आए लगभग 50 मजदूर रायसेन के परवरिया में बाढ़ के बीच फंस गए थे। एसडीआरएफ, प्रशासन और ग्रामीणों ने मिलकर इन मजदूरों का रेस्क्यू किया और उन्हें शहर के वन परिसर में पहुंचाया। वहां नगरपालिका प्रशासन द्वारा भोजन के पैकेट और रहने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

जिले में कई मार्ग बंद।
आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई मौके पर एसडीएम मुकेश सिंह और नगरपालिका सीएमओ सुरेखा जाटव मौजूद थीं, जिन्होंने मजदूरों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं। मजदूरों ने बताया कि वे धान लगाने कटनी से आए थे, लेकिन तेज बारिश के कारण खेत में ही फंस गए थे। उन्हें पहले परवरिया माता मंदिर में पहुंचाया गया और फिर बोट के सहारे वन परिसर में लाया गया।
‘जरूरी न होने पर यात्रा से बचें और प्रशासन का सहयोग करें’ प्रशासन ने आमजन से अनुरोध किया है कि जरूरी न होने पर यात्रा से बचें और प्रशासन का सहयोग करें। बुजुर्गों, छोटे बच्चों और महिलाओं की विशेष देखभाल की जा रही है। बुनियादी चिकित्सीय आवश्यकताओं के लिए प्राथमिक दवाओं की भी व्यवस्था की जा रही है।

बारना बांध के 8 गेट खोले गए।