टीकमगढ़ के जैन मंदिरों में मनाया भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष: मंदिरों में हुए अभिषेक और पूजन, मुनि सौम्य सागर बोले- पुण्य उदय से होता है तीर्थंकर का जन्म – Tikamgarh News

टीकमगढ़ के जैन मंदिरों में मनाया भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष:  मंदिरों में हुए अभिषेक और पूजन, मुनि सौम्य सागर बोले- पुण्य उदय से होता है तीर्थंकर का जन्म – Tikamgarh News


टीकमगढ़ शहर के सभी जैन मंदिरों में गुरुवार को भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर जैन समाज के लोगों ने मंदिरों में लड्डू चढ़ाए।

.

धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जैन ने बताया कि सभी जैन मंदिरों में अभिषेक और शांति धारा के बाद पार्श्वनाथ पूजन हुआ। सिद्ध सिला आकार के विशेष लड्डू प्रमुख वेदियों पर चढ़ाए गए। सभी श्रावकों ने गोल लड्डू अर्पित किए।

शहर के बाजार जैन मंदिर में मुनि सौम्य सागर महाराज और मुनि जयंत सागर महाराज का चातुर्मास चल रहा है। श्रद्धालुओं को उनके प्रवचन का लाभ भी मिला।

मुनि सौम्य सागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि हमारी पहचान हमारे लक्षण से होती है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति के लक्षण से उसके व्यक्तित्व की पहचान होती है। उन्होंने कहा कि पुत्र वही होता है जो पिता की सेवा करे।

मुनि जी ने आगे कहा कि जहां सभी का पुण्य उदय होता है, वहां तीर्थंकर का जन्म होता है। उन्होंने बताया कि संसार में अनेक कष्ट समतापूर्वक सहन करने के बाद आज के दिन भगवान को केवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ था और वे मोक्ष गए थे।

मुनि सौम्य सागर महाराज ने पार्श्वनाथ भगवान के 10 भवों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित रहे।



Source link