बुधवार से शुरू होने जा रहे गणेशोत्सव के लिए शहर तैयार है। वैसे तो शहर में हर इलाके में गणेश मंदिर हैं, लेकिन शहर में कम से कम 5 गणेश मंदिर ऐसे हैं, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। यदि आप एक ही दिन में इन पांचों गणेश मंदिरों में दर्शन करना
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बैरागढ़ चीचली कोलार के दगड़ू सेठ गणेश मंदिर से तुलसी नगर, हबीबगंज गणेश मंदिर, पिपलानी मंदिर और छोला नाका मंदिर तक का ये रूट एक गणराज पथ बनाता है। इधर मंगलवार अलसुबह से ही झांकी-पंडालों में विराजमान होने वाली विशाल प्रतिमाओं के आगमन का सिलसिला शुरू हो गया। इन दस दिनों में झांकी पंडालों के साथ ही सभी गणेश मंदिरों में भी विशेष शृंगार और अनुष्ठान होंगे।
मैप के जरिए समझें प्रमुख गणेश मंदिरों की लोकेशन, दूरी और सफर का समय
छोला गणेश मंदिर, 9 टन की मूर्ति
यह मंदिर 1980 में बना। यहां 11 फीट ऊंची सिद्धि विनायक गणेश की आकर्षक प्रतिमा विराजमान है। तीन मंजिल में बने मंदिर को रंगीन कांच से सजाया गया है। यह पुराने शहर का सबसे प्रमुख गणेश मंदिर है।
पिपलानी गणेश मंदिर

1975 में जयपुर से मंगाई गई गणेश प्रतिमा स्थापित की गई। सफेद संगमरमर से निर्मित 2.5 फीट ऊंची प्रतिमा है। हर संकष्टी चतुर्थी पर सुबह से चंद्रोदय तक लगने वाले मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

तुलसी नगर महाराष्ट्र समाज तुलसी नगर स्थित महाराष्ट्र भवन में 20 साल पहले गणेश प्रतिमा स्थापित की गई। मंदिर का शिखर दक्षिण भारतीय शैली में है। यहां वर्षभर सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन होते हैं।
कोलार दगड़ू सेठ गणेश मंदिर पुणे के दगड़ू सेठ गणेश मंदिर की तर्ज पर 2010 में बैरागढ़ चीचली कोलार रोड पर दगड़ू सेठ गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है। इस मंदिर की मूर्ति जयपुर के कलाकारों ने बनाई है।
हबीबगंज गणेश मंदिर यह शहर का एकमात्र महागणेश मंदिर। प्रतिमा की ऊंचाई 5 फीट है। वजन तकरीबन 13 क्विंटल है। मंदिर 1982 में स्थापित हुआ था। यानी यह मंदिर 43 साल पुराना है।