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Tractor Mileage Tips: कुछ आसान टिप्स और थोड़ी समझदारी अपनाकर ट्रैक्टर का माइलेज तेजी से बढ़ाया जा सकता है. इससे न सिर्फ हर बूंद डीजल का सही इस्तेमाल होगा, बल्कि ट्रैक्टर की उम्र भी बढ़ेगी और खेती में मुनाफा दोगुना हो जाएगा. (रिपोर्ट: शिवांक द्विवेदी)
किसानों के लिए ट्रैक्टर खेती का सबसे अहम साथी है, लेकिन जब यही ट्रैक्टर डीजल को पानी की तरह पीने लगे तो किसान की रातों की नींद और दिन का चैन दोनों छिन जाते हैं. डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच अगर ट्रैक्टर डीजल की ज्यादा खपत करे और काम कम निकाले तो यह किसानों की कमाई पर बड़ा असर डालता है.

लेकिन, राहत की बात ये कि कुछ आसान टिप्स और थोड़ी समझदारी अपनाकर ट्रैक्टर का माइलेज तेजी से बढ़ाया जा सकता है. इससे न सिर्फ हर बूंद डीजल का सही इस्तेमाल होगा, बल्कि ट्रैक्टर की उम्र भी बढ़ेगी और खेती में मुनाफा दोगुना हो जाएगा.

वर्षों से बड़ी गाड़ियों का काम देख रहे नरेंद्र सिंह ने बताया, जैसे कार और बाइक की सर्विसिंग समय पर जरूरी होती है, वैसे ही ट्रैक्टर की सर्विसिंग भी अहम है. इंजन ऑयल, एयर फिल्टर और डीजल फिल्टर को हर 250 घंटे पर बदलना चाहिए. अगर इंजन ठीक स्थिति में नहीं रहेगा तो वह ज्यादा डीजल खपत करेगा. नियमित सर्विसिंग से ट्रैक्टर स्मूथ चलेगा और माइलेज बेहतर होगा.

अक्सर किसान टायरों की हवा पर ध्यान नहीं देते लेकिन यह गलती भारी पड़ सकती है. कम या ज्यादा प्रेशर इंजन पर अतिरिक्त बोझ डालता है जिससे डीजल की खपत बढ़ जाती है. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हमेशा कंपनी द्वारा बताए गए प्रेशर पर ही टायरों में हवा भरें और कटाई या जुताई से पहले और बाद में हवा जरूर जांच लें.

गलत गियर में ट्रैक्टर चलाना इंजन पर बेवजह का दबाव डालता है. इससे न केवल डीजल खर्च बढ़ता है बल्कि इंजन जल्दी हांफने लगता है. किसानों को चाहिए कि काम और लोड के हिसाब से गियर का चुनाव करें. खासकर जुताई जैसे भारी काम में कम आरपीएम पर ज्यादा टॉर्क देने वाले गियर का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे इंजन स्मूथ चले और डीजल की खपत घटे.

कई किसान छोटे ब्रेक या खेत में थोड़ी देर रुकने के दौरान ट्रैक्टर का इंजन चालू छोड़ देते हैं. यह आदत जेब पर भारी पड़ती है क्योंकि खड़े ट्रैक्टर का इंजन बिना काम किए भी डीजल फूंकता रहता है. अगर 5-10 मिनट से ज्यादा खड़ा करना हो तो इंजन बंद कर देना ही बेहतर है.

ट्रैक्टर की क्षमता से ज्यादा भारी या बड़ा उपकरण जोड़ने से इंजन पर दबाव बढ़ता है और डीजल की खपत तेज हो जाती है. हल, कल्टीवेटर या अन्य औजार हमेशा ट्रैक्टर के हॉर्सपावर के हिसाब से ही चुनें. यह न केवल ईंधन बचाएगा बल्कि ट्रैक्टर की लाइफ भी बढ़ाएगा.

खेत में बिना योजना के काम करने से ट्रैक्टर के बेवजह चक्कर लगते हैं जिससे समय और डीजल दोनों की बर्बादी होती है. काम शुरू करने से पहले जुताई या बुवाई का सही पैटर्न तय करें और कोशिश करें कि कम से कम घुमाव और खाली चक्कर लगें.

सबसे अहम बात यह है कि हमेशा अच्छी क्वालिटी का डीजल ही इस्तेमाल करें. मिलावटी डीजल न केवल माइलेज घटाता है बल्कि इंजन को भी नुकसान पहुंचाता है. भरोसेमंद पंप से ही ईंधन भरवाना किसानों के लिए बेहतर विकल्प है.