नीमच में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया। भगवान सूर्य और छठी माता को समर्पित इस चार दिवसीय पर्व के तीसरे दिन सोमवार शाम को व्रतधारी महिलाओं ने निर्जला उपवास रखकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
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जिले भर में भूतेश्वर महादेव मंदिर, सीआरपीएफ स्थित नाग बावड़ी और ग्वालटोली सहित विभिन्न जलाशयों और घाटों पर पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा, जिससे पूरे माहौल में भक्ति और उत्साह का संचार हुआ।
यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग मनाते हैं, लेकिन नीमच में भी इसकी भव्यता देखने को मिली। शहर के ग्वालटोली स्थित तालाब पर भैया सेवा समिति ने प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी छठ पूजन का आयोजन किया।
नारकोटिक्स विभाग, राजस्व कॉलोनी और सीआरपीएफ जैसे क्षेत्रों में निवासरत लोगों ने भी विशेष रूप से यह पर्व मनाया।
छठ पूजा के तहत व्रतधारी महिलाओं ने पहले दिन नहाय-खाय का व्रत रखा था। दूसरे दिन खरना के तहत शाम को लौकी-चावल खाकर व्रत खोला गया। खरना के प्रसाद के बाद ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया था, जिसके तीसरे दिन सोमवार, 27 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया।
छठ महापर्व का समापन मंगलवार, 28 अक्टूबर को होगा। व्रतधारी महिलाएं मंगलवार अलसुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठी माता की पूजा-अर्चना करेंगी। कथा सुनने के बाद गुड़ की खीर से अपने कठिन निर्जला व्रत का पारण करेंगी।

