जबलपुर में रविवार को मानस भवन में चल रहे सम्मेलन के दौरान हुए विवाद की वजह दो किताबों थी। जिनमें हिंदू देवी-देवताओं के बारे में कथित रूप से अपमानजनक बातें लिखी थीं।
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विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने जब इन किताबों को खरीदा और आपत्तिजनक बातें लिखी देखी, तो उन्होंने विरोध किया। मामला बढ़ने पर उन्होंने किताब बेचने वाले युवक की पिटाई कर दी, इस दौरान वहां मौजूद भीड़ ने विहिप कार्यकर्ताओं को घेरकर पीटना शुरू कर दिया।
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों को अलग कर मामला शांत किया। मामले में पुलिस ने बुक सेलर सहित सात अन्य पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं सोमवार को घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें भीड़ 2-3 लोगों को दौड़ा दौड़ाकर पीटते नजर आ रही है।
राम दरबार और पुराणों पर लिखी थी आपत्तिजनक बातें
हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि “सच्ची रामायण” और “पोल खोल पुराण” नामक किताब में भगवान राम, माता सीता और हनुमान जी और हिंदू धर्म के अलग- अलग पुराणों के बारे में अश्लील और आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं।
हनुमान प्रखंड के सहसंयोजक अनूप पटेल ने बताया कि “सच्ची रामायण” नामक यह किताब पहले भी सिविल लाइंस क्षेत्र में बेची गई थी, जिस पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। उनका कहना है कि इस तरह की किताबें लगातार शहर में स्टॉल लगाकर बेची जा रही हैं और इससे हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया जा रहा है। विरोध करने पर उनके साथ भी मारपीट की गई।
पोल खोल पुराण किताब का पहला भाग रणजीत दास कबीरपंथी साधु के लेखक के नाम पर थी जिसमें हिंदू धर्मों के अलग अलग पुराणों पर आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। वहीं सच्ची रामायण किताब में भगवान राम, सीता, भरत सहित अन्य देवी देवताओं पर आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं।
इन दो किताबों को लेकर हुआ था विवाद
कार्यक्रम इस पोल खोल पुराण नाम की किताब को लेकर विवाद हुआ था।

सच्ची रामायण नामक इस किताब में भगवान राम, सीता, भरत सहित अन्य देवी देवताओं पर आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं।
खरीददार बनकर पहुंचे विहिप कार्यकर्ता
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अनूप ठाकुर को सूचना मिली थी कि कार्यक्रम स्थल पर हिंदू विरोधी और आपत्तिजनक टिप्पणी वाली किताबें बेची जा रही हैं। “सच्ची रामायण” और “पोल खोल पुराण” नामक पुस्तकों को पढ़ने के बाद विहिप कार्यकर्ता नाराज हो गए। उन्होंने किताब बेच रहे युवक पीट दिया। इसी दौरान विवाद बढ़ा और कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने अनूप ठाकुर और उनके दो साथियों की दौड़ा दौड़ाकर पिटाई कर दी।
रविवार शाम जब यह जानकारी विहिप और बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ताओं तक पहुंची, तो वे मदनमहल थाने पहुंचकर विरोध जताने लगे। सोमवार को पुलिस ने जांच के बाद बुकसेलर प्रदीप कुशवाहा के खिलाफ आपत्तिजनक किताबें बेचने का मामला दर्ज किया। साथ ही उन अज्ञात लोगों पर भी एफआईआर की गई, जिन्होंने अनूप और उसके साथियों के साथ सरेराह मारपीट की थी।

विवाद बढ़ने के बाद कार्यक्रम स्थल में बढ़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
अशोभनीय किताबें बिक रहीं थीं
विहिप के सहसंयोजक सुमित सिंह ठाकुर ने बताया कि रविवार को मानस भवन में आयोजित कार्यक्रम के लिए न तो आयोजकों और न ही बुक सेलर के पास कोई अनुमति थी। इसके बावजूद वहां खुले रूप से भगवानों के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री वाली किताबें बेची जा रही थीं। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में शिवमहापुराण और गरुण पुराण जैसे ग्रंथों को आदर और श्रद्धा के साथ रखा जाता है, ये पुराण सनातन काल से हमारी परंपरा का हिस्सा रहे हैं।

सुमित ठाकुर ने दावा किया कि जबलपुर में ऐसे कृत्यों का पहले भी विरोध हो चुका है, एफआईआर भी हुई है, फिर भी कुछ लोग “कथित गैंग” बनाकर ऐसी किताबें बेच रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि ये लोग अलग-अलग कार्यक्रमों में घुसकर ऐसी पुस्तकें बांट रहे हैं और हिंदू समाज को भड़काने की साजिश कर रहे हैं।

घटना का यह नया वीडियो सामने आया है जिसमें भीड़ हिंदू कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटते नजर आ रही है।
कार्यकर्ताओं को पीटने का एक और वीडियो सामने आया
रविवार को मानस भवन में हुए कार्यक्रम के दौरान विवाद का एक और वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि भीड़ विहिप कार्यकर्ताओं पर हमला कर रही है। पुलिस ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने दोबारा हमला कर दिया। किसी तरह हिंदू कार्यकर्ता वहां से निकलने के लिए एक ऑटो में सवार हुए, जिसमें पुलिसकर्मी भी बैठ गए और उन्हें सुरक्षित ले जाने की कोशिश करते रहे। इसके बावजूद भीड़ लगातार ऑटो का पीछा करती रही।
घटना बेहद निंदनीय
सम्राट अशोक क्रांति सेना के संस्थापक वृंदावन वर्मा ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान हुई यह घटना अत्यंत निंदनीय है। उनके अनुसार, अशोक विजयदशमी पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान बाहर लगे स्टॉल पर संविधान की पुस्तक देखकर कुछ युवक वहां पहुंचे और उसकी प्रतियां फाड़कर फेंक दीं, जिसके बाद विवाद हो गया।
वर्मा ने बताया कि इसके बाद पुस्तक बेचने वाले युवक के साथ मारपीट की गई। उसे बचाने के लिए जब उनके कार्यकर्ता आगे आए, तो हमलावरों ने उन पर भी हमला कर दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि आरोपियों के पास चाकू था, जिसे कार्यकर्ताओं ने उनसे छुड़ा लिया। वर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
एफआईआर दर्ज, जांच जारी
सीएसपी रितेश कुमार शिव ने बताया कि रविवार को हुई घटना के कई वीडियो सामने आए हैं। जिसमें भीड़ कुछ लोगों को पीटती नजर आ रही है। विवाद किताबों में हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी का है। विहिप कार्यकर्ताओं की शिकायत पर मदनमहल थाने में बुक सेलर समेत अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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जबलपुर के मानस भवन में रविवार को पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति-जनजाति सम्मेलन में हंगामा हो गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। पूर्व विधानसभा से कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया भी इसमें शामिल हुए। पढ़ें पूरी खबर