सिंगरौली जिले में साल की अंतिम नेशनल लोक अदालत ने कई परिवारों को राहत दी। जोगियानी गांव के लक्ष्मी प्रसाद पनिका और उनकी पत्नी सुमन पनिका ने 9 महीने के अलगाव के बाद लोक अदालत में समझौता कर फिर से साथ रहने का फैसला किया। समझौते के बाद दोनों खुशी-खुशी घ
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पत्नी सुमन पनिका ने बताया कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए उन्होंने साथ रहने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि आपसी मतभेद के बावजूद बच्चों का भविष्य सबसे महत्वपूर्ण है।
पति लक्ष्मी प्रसाद पनिका ने भी कहा कि अब वे झगड़ा नहीं करेंगे और परिवार को मिलकर आगे बढ़ाएंगे। दोनों ने लोक अदालत के माध्यम से हुई बातचीत को समझौते का आधार बताया।
1905 मामले आपसी राजीनामे से सुलझाए गए
यह नेशनल लोक अदालत 13 दिसंबर 2025 को जिला न्यायालय बैढ़न, सिविल न्यायालय देवसर और सरई में आयोजित की गई थी। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश अतुल कुमार खंडेलवाल, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष बृजेन्द्र देव पांडेय सहित कई न्यायाधीश, अधिवक्ता और कर्मचारी उपस्थित रहे।
प्रकरणों के निराकरण के लिए कुल 20 न्यायिक खंडपीठों का गठन किया गया था। लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन के 1419 और न्यायालय में लंबित 486 केसों का निराकरण किया गया। इस प्रकार कुल 1905 मामले आपसी राजीनामे से सुलझाए गए।
आंकड़ों के अनुसार, न्यायालय में लंबित क्लेम के 31 केसों में 1 करोड़ 92 लाख 83 हजार रुपए के अवार्ड पारित किए गए। 30 चेक बाउंस मामलों में 33 लाख 79 हजार 249 रुपए का निराकरण हुआ। इसके अतिरिक्त, 206 आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरण, 29 पारिवारिक और वैवाहिक मामले, 138 विद्युत अधिनियम से जुड़े केस और 52 सिविल और अन्य राजीनामा योग्य मामलों का भी समाधान किया गया।

नेशनल लोक अदालत ने हजारों मामलों को सुलझाने के साथ-साथ लक्ष्मी प्रसाद और सुमन पनिका जैसे परिवारों को फिर से जोड़कर सामाजिक समरसता का संदेश भी दिया।