रीवा में 10 सालों से बंद है भगवान का दरवाजा, मंदिर में कैद हैं अनोखी मूर्तियां, आस्था के पीछे छुपा रहस्य

रीवा में 10 सालों से बंद है भगवान का दरवाजा, मंदिर में कैद हैं अनोखी मूर्तियां, आस्था के पीछे छुपा रहस्य


Last Updated:

Laxmanbagh Temple: एमपी के रीवा जिले का लक्ष्मणबाग मंदिर 400 साल पुराना है. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां चारों धाम के देवी-देवताओं की मूर्तियां विराजित की गई हैं. देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों की तर्ज पर लक्ष्मणबाग में विशाल मंदिरों का निर्माण रीवा के बघेल राजाओं ने कराया था.

Laxmanbagh Temple: रीवा जिले का लक्ष्मणबाग मंदिर 400 साल पुराना है. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां चारों धाम के देवी-देवताओं की मूर्तियां विराजित की गई हैं. देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों की तर्ज पर लक्ष्मणबाग में विशाल मंदिरों का निर्माण रीवा के बघेल राजाओं ने कराया था. रीवा शहर से लक्ष्मणबाग मंदिर की दूरी 2 किलोमीटर पर स्थित रीवा का यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. लक्ष्मणबाग की बखान न सिर्फ रीवा में होती है बल्कि यह पूरे देश में फेमस है. मंदिर के तीन ओर बिछिया नदी है. नदी को देखकर ऐसा लगता है मानों प्रकृति मंदिर की परिक्रमा कर रही है.

लक्ष्मणबाग से जुड़ी बेहद रोचक कहानी
लक्ष्मणबाग से जुड़ी एक और बेहद रोचक कहानी है जिसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा. लक्ष्मणबाग से कुछ ही दूरी पर गोविंदगढ़ एक और ऐतिहासिक मंदिर रमागोविंद है जिसे पंच मंदिर के नाम से जाना जाता है. जहां भगवान राम का दरबार हुआ करता था, यहां राम,लक्ष्मण,सीता और हनुमान के अलावा और भी कई भगवानों की मूर्तियां थीं.

साल 2014 की बात है जब रमागोविंद मंदिर में रात के वक्त चोर घुसे और पुजारी बसंत पयासी की हत्या कर दिए. इसके बाद कुछ मूर्तियां भी चुरा ले गए. इस घटना के बाद तात्कालीन कलेक्टर एस.एन रूपला के निर्देश पर रमागोविंद मंदिर कि बांकि बची हुई मूर्तियों को सुरक्षा की दृष्टि से लक्ष्मणबाग लाया गया और यह निर्णय लिया कि इन मूर्तियों की स्थापना लक्ष्मणबाग में ही कराई जाएगी. 10 साल बीत गए लेकिन आज तक किसी को होश नहीं है कि लक्ष्मणबाग में अष्टधातु से बनी वो मूर्तियां आखिर कहां हैं और किस आवस्था में हैं. लक्ष्मणबाग के पुजारी पंडित बालकृष्ण आचार्य ने बताया कि वर्तमान SDM से बात हुई है, उन्होंने जल्द मंदिर की व्यवस्था बनाने के लिए अस्वस्थ किया है.

About the Author

Deepti Sharma

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें

homemadhya-pradesh

क्यों नहीं खुलता ये मंदिर? 10 साल से क्यों बंद है 400 साल पुराना ये दरवाजा



Source link