देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर चल रही सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा का नाम बदलने को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। संसद में प्रस्ताव पारित होते ही कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है। तो इस फैसले के विरोध में शनिवार क
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कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि“यह सिर्फ नाम बदलने का मामला नहीं है, बल्कि महात्मा गांधी की विरासत को कमजोर करने की साजिश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के महान नेताओं महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की लकीर छोटी कर अपनी लकीर बड़ी करना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विदेशों में जाकर वहां के नेताओं के सामने झुककर प्रणाम करते हैं, लेकिन अपने ही देश में गांधी की विचारधारा पर लगातार प्रहार करते हैं।
18 घंटे काम का दावा, 18 मिनट भी काम नहीं
दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए रागिनी नायक ने कहा कि“जब कोई सरकार काम नहीं करती और करने लायक नहीं होती, तब वह यह दावा करती है कि प्रधानमंत्री दिन में 18 घंटे काम करते हैं। हकीकत यह है कि 18 मिनट भी काम नहीं होता। यह बताता है कि सरकार कितना झूठ बोल रही है।”
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास खुद की कोई भी ऐसी योजना नहीं है जो जमीनी स्तर पर सफल रही हो। इसलिए कांग्रेस सरकार की योजनाओं का नाम बदलकर श्रेय लेने की कोशिश की जा रही है।
मनरेगा को कमजोर करने की साजिश
रागिनी नायक ने कहा कि मनरेगा में पहले 100 दिन का रोजगार मिलता था। सरकार ने इसे बढ़ाकर 125 दिन करने का दावा किया, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि लोगों को 40 दिन से ज्यादा काम नहीं मिल रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि नाम बदलने के साथ-साथ योजना के क्रियान्वयन का तरीका भी बदला जा रहा है, जिसे केंद्र सरकार अपने नियंत्रण में लेगी। इसके साथ ही राज्य सरकारों पर 40 प्रतिशत अनुदान का बोझ डाला जाएगा, जो लगभग 50 हजार करोड़ रुपए का होगा। इससे राज्य सरकारें आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होंगी और योजना राशि के अभाव में बंद हो जाएगी।
अडाणी-अंबानी तक सीमित है सोच
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देशभर से गांधी की विचारधारा को खत्म करने की कोशिश कर रही है।“सरकार की सोच सिर्फ अडाणी और अंबानी तक सीमित है। गरीब, किसान और मजदूर के लिए बनाई गई योजनाओं को धीरे-धीरे कमजोर किया जा रहा है।”
नेशनल हेराल्ड मामले में क्लीन चिट पर प्रतिक्रिया
नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट द्वारा ईडी की चार्जशीट खारिज किए जाने को कांग्रेस ने बड़ी जीत बताया है। रागिनी नायक ने कहा कि“यह फैसला साबित करता है कि भाजपा बदले की भावना से षड्यंत्र रचती है। ईडी और सीबीआई की कार्रवाई को कोर्ट ने संज्ञान तक नहीं लिया, जिससे साफ है कि मामला पूरी तरह आधारहीन था।”
उन्होंने कहा कि 2021 में दर्ज एफआईआर न केवल गलत थी, बल्कि निर्धारित समय-सीमा के बाद दर्ज की गई। कोर्ट ने भी टिप्पणी की कि एजेंसियां किसी के इशारे पर काम कर रही थीं।
ईडी और सीबीआई बनी कठपुतली
रागिनी नायक ने आरोप लगाया कि “ईडी और सीबीआई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इशारों पर कठपुतली की तरह काम कर रही हैं। इस केस से एजेंसियों की सच्चाई देश के सामने आ गई है।” उन्होंने दावा किया कि देश की जनता अब सरकार और संवैधानिक संस्थाओं पर से भरोसा खो रही है।