ठंड और कोहरे के कारण दरभंगा-मैसूर स्पेशल एक्सप्रेस (06212) ट्रेन सोमवार दोपहर करीब 2 बजे जबलपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से लगभग 30 घंटे की देरी से आई।
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रेलवे सूत्रों के अनुसार, इस ट्रेन को रविवार सुबह 8:25 बजे जबलपुर (मदन महल) पहुंचना था। हालांकि, खराब मौसम के कारण यह सोमवार दोपहर 2:14 बजे जबलपुर (मदन महल) स्टेशन पर पहुंच सकी। पिछले एक सप्ताह से उत्तर भारत से गुजरने वाली कई ट्रेनें 8 से 24 घंटे तक देरी से चल रही हैं।
जबलपुर स्टेशन पर उतरे यात्रियों ने बताया कि ट्रेन दरभंगा से ही देरी से रवाना हुई थी। यात्रियों के अनुसार, ट्रेन को शुक्रवार रात चलना था, लेकिन यह शनिवार सुबह 6 बजे दरभंगा से रवाना हुई और इसके बाद लगातार देरी होती चली गई।
लंबे सफर के कारण यात्रियों को भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ा। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में पैंट्रीकार की सुविधा नहीं थी, जिससे रास्ते में भोजन की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया। घर से लाया गया खाना भी अधिक समय लगने के कारण खराब हो गया।
एक सप्ताह से उत्तर भारत से गुजरने वाली कई ट्रेनें 8 से 24 घंटे तक देरी से चल रही हैं।
यात्री मोहम्मद मोइन ने बताया कि वे शनिवार से ट्रेन में सफर कर रहे थे और सोमवार दोपहर तक उनकी यात्रा पूरी हो सकी। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के इस तरह लेट चलने से यात्रियों को कई समस्याएं होती हैं। स्टेशन पर वेंडर्स से ही भोजन लेना पड़ता है, लेकिन ठंड के कारण वहां मिलने वाला खाना भी जल्द ठंडा हो जाता है।
वहीं, आरा (बिहार) से यात्रा कर रहे एक अन्य यात्री ने बताया कि उन्हें जरूरी काम से रविवार सुबह तक पिपरिया पहुंचना था, लेकिन ट्रेन की देरी के चलते वे सोमवार दोपहर तक भी अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके।
यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि कोहरे के मौसम में ट्रेनों के संचालन को लेकर बेहतर प्रबंधन किया जाए, ताकि यात्रियों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े।