सीसीटीवी में कैद सफेद शर्ट में छात्र सोहनलाल।
मध्यप्रदेश के मंदसौर में सामने आया अफीम तस्करी का मामला अब सिर्फ एक आरोपी या बरामद मादक पदार्थ तक सीमित नहीं रहा। यह केस पुलिस की कार्यप्रणाली, जांच की विश्वसनीयता और जवाबदेही पर बड़ा सवाल बन गया है। राजस्थान का 18 साल का छात्र सोहनलाल, जिसे पुलिस ने
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पुलिस के मुताबिक स्टूडेंट कोरियर बॉय बनकर अफीम की डिलीवरी करने आया था और उसके खिलाफ कॉल डिटेल व सीसीटीवी फुटेज जैसे सबूत मौजूद हैं। लेकिन गिरफ्तारी को लेकर पुलिस द्वारा दी गई एक गलत जानकारी ने पूरे मामले की दिशा बदल दी। बस से जबरन उतारे जाने का वीडियो सामने आते ही हाईकोर्ट ने पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया। नतीजा यह हुआ कि थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड हो गए। अब यह मामला तस्करी से ज्यादा सिस्टम की खामियां बयां कर रहा है। दैनिक भास्कर की यह रिपोर्ट पढ़िए…
पहले देखिए दो तस्वीर…
तस्वीर नंबर 1 : पुलिसकर्मी छात्र को बस से उतारकर ले जाते दिख रहे हैं।

फोटो नंबर 2 : पुलिस का दावा है कि युवक मंदसौर में तस्करी करने आया था।
अब पूरा मामला समझिए…
तारीख : 29 अगस्त 2025- मंदसौर से राजस्थान के प्रतापगढ़ जा रहे 18 वर्षीय सोहनलाल को रास्ते में 3–4 लोगों ने बस से जबरन उतार लिया। इसके बाद उसे मल्हारगढ़ थाने ले जाया गया। यहां पुलिस ने उसके खिलाफ 2 किलो 714 ग्राम अफीम रखने का मामला दर्ज किया। अगले दिन, 30 अगस्त 2025 को सोहनलाल को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
हालांकि, पुलिस द्वारा की गई कागजी कार्रवाई में एक अहम विरोधाभास सामने आया है। दस्तावेजों में दावा किया गया है कि सोहनलाल की गिरफ्तारी श्मशान के सामने से की गई, जबकि परिजनों का आरोप है कि उसे बस से जबरन उतारकर थाने ले जाया गया था। पुलिस ने युवक के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
एक गलत दावा, 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड
कक्षा 12वीं में फर्स्ट डिवीजन से पास हुए सोहनलाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद उसके परिजनों ने एडवोकेट हिमांशु ठाकुर के माध्यम से यह मामला हाईकोर्ट में पहुंचाया।
हाईकोर्ट में परिजनों की ओर से एक वीडियो साक्ष्य के रूप में पेश किया गया, जिसमें सादी वर्दी में पुलिसकर्मी युवक को बस से जबरन उतारते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो ने पुलिस के उस दावे की पोल खोल दी, जिसमें कहा गया था कि युवक को श्मशान के सामने से गिरफ्तार किया गया।
वीडियो सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। मामले में लापरवाही और गलत जानकारी देने के आरोप में थाना प्रभारी सहित कुल 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

छात्र को पकड़ना श्मशान के सामने में बताना इसलिए छात्र को पुलिस ने बस से पकड़ा था। ऐसे में बस को रोक कर रख कार्रवाई करने में समय लगता। इससे अन्य यात्री परेशान होते। इसी कारण पुलिस ने अपनी एफआईआर में मुखबिर की सूचना पर सोहनलाल को बांडा खाल चौराहा के पास श्मशान के सामने से पकड़ना बताया। उसके पिट्ठू बैग से 2 किलो 714 ग्राम अफीम बरामद की, जिसकी कीमत 5 लाख 42 हजार रुपए आंकी गई।

कोर्ट की टिप्पणी- पूरा थाना शामिल रहा 6 दिसंबर : को परिजनों ने जमानत अर्जी की पेशी के दौरान कोर्ट में बेटे को निर्दोष बताया। राजस्थान के बालोत्रा में रहने वाले युवक को कहा कि उसने इस साल 12वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन में पास की है। वह पीएससी की तैयारी करने वाला था। कोर्ट ने छात्र को जमानत देते हुए तल्ख टिप्पणी की है कि घटना में पूरा थाना लिप्त है।
पुलिस ने एक बेगुनाह के खिलाफ यह कार्रवाई की है। मामला सीबीआई को ट्रांसफर किया जाना चाहिए। मंदसौर एसपी को 9 दिसंबर को खुद हाजिर होने को कहा है। साथ की कहा गया कि उनसे पूछा जाएगा कि इस तरह की कार्रवाई पुलिसकर्मी आपके निर्देश से कर रहे हैं या मनमाने से कर रहे हैं।
कोर्ट में एसपी ने जांच प्रक्रिया में खामियां मानीं 9 दिसंबर : मंदसौर एसपी विनोद मीणा कुमार मीणा स्वयं हाई कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने भी माना कि कोर्ट के सामने कि युवक की गिरफ्तारी और जांच प्रक्रिया में गंभीर खामियां हुई हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में पहले ही 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की जा चुकी है। इस पूरे घटनाक्रम से पुलिस की बहुत किरकिरी हुई।

यह पुलिसकर्मी सस्पेंड-
पुलिस और आरोपी दोनों ने कोर्ट में झूठ बोला कोर्ट में पेशी के दौरान थाने के जांच अधिकारी एक सब इंस्पेक्टर ने बस में छात्र को उतारने वाले पुलिसकर्मी को पहचाने से मना कर दिया था। हालांकि बाद में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने सब इंस्पेक्टर बताया कि घबराहट में न पहचानने की बात कही।
इधर, सोहनलाल के वकील ने भी कोर्ट में वीडियो दिखाकर कहा था कि मौके से अफीम वाला बैग बरामद नहीं किया। अगली सुनवाई में उसी वीडियो को दोबारा चलाकर देखा, जिसमें सोहनलाल के पास वही बैग साफ तौर पर नजर आया, जिसमें अफीम होने का पुलिस का दावा है। हालांकि यह बिन्दु अब कोर्ट के विचाराधीन है।

पुलिस का दावा- तस्करी करने का सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने कहा है कि जिस समय युवक को पकड़ा था, तब वह पहली बार मंदसौर क्षेत्र में नहीं आया था। पहले भी वो 6 से 7 बार आया। जिसके लिए वह कोरियर बॉय के रूप में काम करता था उससे भी बातचीत की कॉल डिटेल्स भी है। उसे वह अफीम देने आया था, मुलाकात का सीसीटीवी फुटेज भी है।
पुलिस को छात्र के तस्करी में संलिप्तता के अहम सबूत मिले है। पुलिस ने सबूतों को कोर्ट में पेश कर दिए है। हालांकि गिरफ्तारी व जांच के दौरान कुछ गंभीर त्रुटियां पुलिस ने भी स्वीकारी हैं। साथ ही कहा कि किसी को भी झूठा नहीं फंसाया है।

गिरफ्तार किए गए स्टूडेंट की मार्कशीट।
तस्कर से 500 बार कॉल की डिटेलिंग मिली पुलिस ने बताया कि सोहनलाल राजस्थान के बाड़मेर के विकास चौधरी के लिए कोरियर बॉय के रूप में काम करता था। सोहनलाल, विकास चौधरी के भाई मुन्ना राम का दोस्त है। विकास चौधरी व चंद्रप्रकाश पाटीदार डोडाचूरा सप्लायर के रूप में काम करते है।
सोहनलाल की विकास चौधरी और चंद्रप्रकाश पाटीदार के साथ मोबाइल फोन की करीब 500 बार कॉल डिटेलिंग मिली है। जब भी छात्र मंदसौर क्षेत्र में आया है तब हर बार बातचीत हुई है। इसी तरह अफीम तस्करी में शामिल होने के कुछ अहम सबूत भी पुलिस को मिले है। जिसे ट्रायल कोर्ट में पुलिस पेश कर चुकी है।
चंद्रप्रकाश पाटीदार पर पहले से थाना छोटी सादड़ी, जिला प्रतापगढ़ में अपराध क्रमांक 175/22 धारा 8, 18, 29 NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज है। उस प्रकरण में उससे 5.500 किलो अफीम जब्त की गई थी।

तस्करी के मामले में पुलिस ने युवक को गिरफ्तार किया था।
एसपी से लेकर डीआईजी जांच में इन्वॉल्व मंदसौर एएसपी मामले की जांच कर रहे हैं। इतना ही नहीं उज्जैन आईजी उमेश जोगा, रतलाम रेंज डीआईजी निमिष अग्रवाल भी पुलिस की कार्रवाई की हर एक पहलू की गहन जांच में शामिल हैं। एक बार तो आईजी जोगा भी रतलाम में मंदसौर एसपी को बुलाकर इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जानकारी ले चुके है।
पुलिस के अनुसार, सोहनलाल को अफीम लेने के लिए चंद्रप्रकाश पाटीदार पिता कालूराम पाटीदार ने बुलाया था, जो सीसीटीवी फुटेज में नीली टी-शर्ट में दिखाई दे रहा है। दोनों ने एक दूसरे को दूर से आंखों से इशारा किया था। विवेचना के दौरान चंद्रप्रकाश को भी गिरफ्तार किया गया था, हालांकि फिलहाल वह जमानत पर बाहर है।
रतलाम रेंज डीआईजी निमिष अग्रवाल का कहना है कि
आरोपी की बेल एप्लिकेशन के दौरान कोर्ट में हुई सुनवाई में पुलिस जांच में अनियमितता पाई है। प्रथमदृष्टया आरोपी के खिलाफ मादक पदार्थ की तस्करी के सबूत पाए गए है। लेकिन कार्रवाई के दौरान कुछ त्रुटियां रही है। जिन पुलिसकर्मियों से त्रुटियां हुई है उन्हें उचित दंड दिया जाएगा।


सप्लायर कोरियर बॉय का कर रहे उपयोग पुलिस की माने तो वर्तमान में तस्करी के मामलों में तस्करों द्वारा कोरियर बॉय का उपयोग किया जा रहा है। कोरियर बॉय को हर ट्रिप का 5 से 10 हजार रुपए मिलता है। इन्हें बताया जाता है कि माल किसे देना है। यह एक पूरी चैन सिस्टम से चलता है।
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