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Leave Rules For Government Employees: एमपी सरकार ने शासकीय कर्मचारियों के अवकाश नियमों में बड़ा संशोधन किया है, जो 1 जनवरी से लागू होने जा रहा है. इसका मकसद खासकर महिला कर्मचारियों और शिक्षकों को ज्यादा साफ, सरल और व्यावहारिक अवकाश सुविधा देना है, ताकि काम और निजी जिम्मेदारियों के बीच अच्छा बैलेंस बन सके.
Leave Rules For Government Employees: एमपी सरकार ने शासकीय कर्मचारियों के अवकाश नियमों में बड़ा संशोधन किया है, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होने जा रहा है. इसका मकसद खासकर महिला कर्मचारियों और शिक्षकों को ज्यादा साफ, सरल और व्यावहारिक अवकाश सुविधा देना है, ताकि काम और निजी जिम्मेदारियों के बीच अच्छा बैलेंस बन सके.मध्य प्रदेश सरकार ने शासकीय कर्मचारियों के अवकाश नियमों में बड़ा संशोधन किया है, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होगा. इस बदलाव का मकसद कर्मचारियों, खासकर महिला कर्मचारियों और शिक्षकों को अधिक स्पष्ट, व्यावहारिक और जरूरत के अनुसार अवकाश सुविधा देना है. नए नियमों को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि पहले व्यवस्था क्या थी और अब क्या बदला गया है.
पहले क्या था छुट्टी का नियम
अब तक मध्य प्रदेश में लागू अवकाश नियमों में कई प्रावधान पुराने और अस्पष्ट माने जाते थे, जैसी कि चाइल्ड केयर लीव (CCL) को लेकर स्थिति साफ नहीं थी. कई विभागों में इसे लेकर अलग-अलग व्याख्या की जाती थी, जिससे महिला कर्मचारियों को परेशानी होती थी. कई बार चाइल्ड केयर लीव मंजूरी में देरी होती थी या उसे अन्य अवकाशों के साथ जोड़ने को लेकर भ्रम रहता था. शिक्षकों के अवकाश नियम भी काफी पुराने ढांचे पर आधारित थे, जिसमें शैक्षणिक सत्र, परीक्षा, मूल्यांकन और प्रशासनिक कार्यों के बीच बैलेंस बनाना कठिन हो जाता था. इसके अलावा स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए साफ गाइडलाइन्स की कमी महसूस की जा रही थी.
नए नियमों में क्या बदला
1 जनवरी 2026 से लागू होने वाले नए संशोधनों में कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिसमें अब चाइल्ड केयर लीव के नियमों को साफ और सरल बनाया गया है, ताकि महिला कर्मचारियों को बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश लेने में किसी तरह की दिक्कत न हो. नए प्रावधानों के तहत यह भी सुनिश्चित किया गया है कि चाइल्ड केयर लीव का इस्तेमाल वास्तविक जरूरत के अनुसार किया जा सके और इसे लेकर विभागीय स्तर पर भ्रम न रहे. शिक्षकों के अवकाश नियमों में भी बदलाव किया गया है, जिससे शैक्षणिक कैलेंडर और प्रशासनिक जरूरतों के बीच बेहतर तालमेल बन सके. अब यह ध्यान रखा जाएगा कि शिक्षकों के अवकाश से छात्रों की पढ़ाई और परीक्षा व्यवस्था पर कम से कम असर पड़े.
कर्मचारियों को क्या फायदा होगा
इन संशोधनों से महिला कर्मचारियों को पारिवारिक जिम्मेदारियों और नौकरी के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलेगी. शिक्षकों को अपने काम और लीव की बेहतर योजना बनाने का अवसर मिलेगा. विभागों में अवकाश मंजूरी को लेकर होने वाले विवाद और भ्रम कम होंगे. वहीं, सरकार के मुताबिक, यह बदलाव कर्मचारियों की सुविधा, कार्य-जीवन संतुलन और प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक सुचारू बनाने के लिए किया गया है. नए नियमों से अवकाश व्यवस्था ज्यादा पारदर्शी और व्यवहारिक होगी, जिससे कर्मचारियों और विभागों दोनों को फायदा मिलेगा.
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Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें