Families in which alcohol consumption is 60% more likely for children to drink: Dr. Bhati | जिन परिवारों में एल्कोहल का सेवन वहां बच्चों में 60% नशे की संभावना अधिक: डॉ. भाटी

Families in which alcohol consumption is 60% more likely for children to drink: Dr. Bhati | जिन परिवारों में एल्कोहल का सेवन वहां बच्चों में 60% नशे की संभावना अधिक: डॉ. भाटी


शिवपुरी18 घंटे पहले

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  • सीसीएफ की 14वीं ई-संगोष्ठी में बालकों में बढ़ती नशे की लत पर विशेषज्ञों ने चिंता जताई

जिन परिवारों में एल्कोहल का सेवन अधिक होता है वहां बच्चों में 60 फीसदी नशे की संभावना बढ़ जाती है। छोटे बच्चे जब अपने घर, पास पड़ोस और समाज में लोगों को नशा करते हुए देखते हैं तो वह भी नशे के प्रति उन्मुख हो जाते हैं। इसी तरह पारिवारिक देखरेख के दौरान जब समग्र प्यार और देखभाल का अभाव होता है तब अक्सर बच्चों को मादक पदार्थों की लत लग जाती है। यह बात नशा मुक्ति मोटीवेटर डॉ. आरएस भाटी ने सीसीएफ की 14वीं ई-संगोष्ठी में बालकों में बढ़ती नशे की लत पर अपनी पक्ष रखते हुए कही।

नशा मुक्ति क्षेत्र में काम कर रहे डॉ. आरएस भाटी ने बताया कि बालकों में नशे की लत का सबसे प्रमुख कारण पारिवारिक परवरिश में बहुपक्षीय न्यूनता के साथ कतिपय सामाजिक संस्वीकृति भी है। हमारे आसपास आज भी तंबाकू, गुटखा या धूम्रपान को एक बुराई के रूप में नही बल्कि लोकजीवन की आम प्रचलित परंपरा के रूप में लिया जाता है। उन्होंने बताया ड्रग्स का सेवन पिछले कुछ समय से देश के छोटे नगरों में तेजी से बढ़ा है।ड्रग्स की दुनिया केवल धनी और सम्पन्न वर्गों तक सीमित नही है बल्कि इसका विस्तार कस्बाई इलाकों में भी हुआ है।जिस तरह हमारा बचपन तेजी से नशे की गिरफ्त में जा रहा है वह भविष्य के लिए त्रासदी से कम नहीं है।

मप्र डीआरआई प्रभारी डॉ दिनेश बिसेन ने कहा कि गांजा और इसके परिशोधित उत्पाद आज के दौर में सबसे गंभीर चुनौती बनकर उभरा है बड़े पैमाने पर समाज के सभी स्तरों पर इसका चलन खतरनाक हद तक बढ़ रहा है।
स्कूलों के बच्चे सिगरेट का कर रहे नशा: प्रभाकर
बोकारो झारखंड से प्रभाकर सिंह ने बताया कि नामी स्कूलों के बच्चों द्वारा सिगरेट ओर अन्य महंगे नशों की ओर भी प्रभावित हैं। फाउंडेशन अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने भरोसा जताया कि चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन इस मामले में शासन स्तर पर नीतिगत पहल के लिए भी प्रयास करेगा। फाउंडेशन के सचिव डॉ. कृपाशंकर चौबे ने भी अपने विचार रखे। संगोष्ठी में कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।



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