परंपरा का निर्वाह: अपनी पुश्तैनी दुकान में बैठे कैलाश विजयवर्गीय; ग्राहकों को बेचा सामान

परंपरा का निर्वाह: अपनी पुश्तैनी दुकान में बैठे कैलाश विजयवर्गीय; ग्राहकों को बेचा सामान


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इंदौर30 मिनट पहले

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भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय धनतेरस पर अपनी पुश्तैनी दुकान पर बैठे।

  • मीडिया से बात करते हुए कहा – हनुमान चालीसा पढ़ना और हनुमान जी की पूजा करने का नाटक करना, दोनों में अंतर

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को धनतेरस पर अपनी किराना दुकान पर बैठकर परंपरा का निर्वहन किया। उन्होंने गल्ले पर बैठकर ग्राहकों को सामान भी दिया। उन्होंने दुकान की तारीफ करते हुए कहा कि घर का आर्थिक बोझ यही दुकान उठाती है, इसलिए हम इसके ऋणी हैं। हमारी मां इसे दुकान माता कहती थीं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के हनुमान चालीसा पाठ करने को विजयवर्गीय ने नाटक बताते हुए कहा कि “हनुमान चालीसा पढ़ना और हनुमान जी की पूजा करने का नाटक करना दोनों में अंतर है।

विजयवर्गीय ने दुकान संभालने के साथ ही मीडिया से भी बात की।

विजयवर्गीय ने दुकान संभालने के साथ ही मीडिया से भी बात की।

विजयवर्गीय ने बंगाल को लेकर कहा कि वहां लगातार हत्याएं हो रही हैं। कल भी प्रदेश अध्यक्ष पर हमला हुआ है। इस तरह की राजनीति पश्चिम बंगाल में हो रही है, जिस पर प्रधानमंत्री ने चिंता जताई है। प्रजातंत्र में हिंसा का जवाब हिंसा से नहीं दिया जाता है, पर ऐसी हिंसक मानसिकता को समाप्त करने के लिए बलिदान भी देना पड़ता है। जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

जब तक बंगाल में हिंसा समाप्त नहीं होती, तब तक हमारा मिशन अधूरा रहेगा। आने वाले चुनाव में बीजेपी को पश्चिम बंगाल की जनता आशीर्वाद देगी। यहां हम दो तिहाई बहुमत से जीत रहे हैं। बंगाल में लेफ्ट के पास नई लीडरशिप नहीं है और युवाओं में लेफ्ट के प्रति आकर्षण भी नहीं है।

मध्य प्रदेश 28 सीटों के उपचुनाव की जीत को लेकर राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि कमलनाथ ने प्रदेश की जनता को धोखा दिया। उस धोखे का जवाब जनता ने दिया। दूसरा कारण, हमारे यहां संस्कार और संस्कृति वाली राजनीति रहती है, कभी इतने हल्के शब्दों का प्रयोग राजनीति में नहीं हुआ। मेरे 40 वर्ष के अनुभव में एक मुख्यमंत्री रहे नेता, दूसरे मुख्यमंत्री को नालायक कहे। ऐसे शब्दों का उपयोग करे, जो मुख्यमंत्री की गरिमा के अनुरूप नहीं है। इससे सभी राजनेताओं को सबक लेना चाहिए। हमने कभी शब्दों की दरिद्रता विपक्ष के लिए भी नहीं की, लेकिन पिछले उपचुनाव के दौरान वाक युद्ध जो हुआ, वह राजनीति को शर्मसार करने वाली थी, जिसको प्रदेश की जनता ने जवाब दिया।

वे चाहें तो प्रदेश में रहें, पर कमलनाथ को जनता ने छोड़ दिया
कमलनाथ को लेकर उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें छोड़ दिया है। भले ही, वह मध्यप्रदेश में रहें। मध्य प्रदेश बड़े दिलवालों का प्रदेश है। यहां हर कोई रह सकता है। जनता ने उन्हें नकार दिया है। बराक ओबामा के राहुल पर दिए बयान को लेकर कहा कि वे तो अब कह रहे हैं, हम तो कब से कह रहे हैं कि वे अपरिपक्व नेता हैं। राहुल गांधी पर तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी विश्वास नहीं है। बिहार चुनाव में कांग्रेस ही कह रही है कि तेजस्वी की सरकार नहीं बनी, जिसकी जिम्मेदार कांग्रेसी पार्टी है। देश का सवाल आता है, तो देश के सम्मान की चिंता चाहिए। वे देश के का सम्मान नहीं करते, वे ऐसा बयान देते हैं जिससे पड़ोसी देशों को लाभ मिले।

धर्म गुरुओं की राजनीतिक में भूमिका हो पर मर्यादित
कम्प्यूटर बाबा को लेकर उन्होंने कहा कि इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि मेरी धर्म गुरु के प्रति आस्था रहती है। कभी-कभी धार्मिक गतिविधियों के चलते राजनीतिक गतिविधियां ज्यादा हो जाती हैं, तो इस तरह के परिणाम होते हैं। मेरा मतलब यह नहीं है कि धर्म गुरुओं को राजनीति नहीं करना चाहिए, लेकिन राजनीति में उनकी भूमिका होना चाहिए, पर मर्यादित हो। विजयवर्गीय ने बिहार चुनाव को लेकर कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने खुद इंकार कर दिया था कि राहुल गांधी की सभा बिहार में नहीं चाहिए। चिराग पासवान दो बार गए, फिर उन्हें लगा कि उनके साथ गया तो मेरी लुटिया डूब जाएगी। इसके बाद वे भी नहीं गए। कांग्रेसियों को समझ ही नहीं आ रहा है कि हमारी लुटिया क्यों डूब रही है।

ओवैसी ने वोट कटवा कहने वालों को सही जवाब दिया
ओवैसी को लेकर विजयवर्गी ने कहा कहा, वे कहते हैं कि मुझे लोग वोट कटवा कहते हैं। उन्होंने वोट कटवा कहने वालों से अच्छी बात कही है। उन्होंने कहा, मध्यप्रदेश में मैंने चुनाव नहीं लड़ा फिर भी कांग्रेस साफ हो गई। तेलंगाना, कर्नाटक में चुनाव लड़ा नहीं, वहां भी कांग्रेस साफ हुई। गुजरात में भी यही हाल रहा। मेरे आने जाने से फर्क पड़ता, तो हर जगह पड़ता। बिहार में अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए मुझ पर आरोप लगाना, ये ठीक नहीं है। मुझे लगता है कि बंगाल में भी वे आएंगे, सब अपने तरीके से लड़ें। हमें विश्वास है कि ओवैसी आएं या ना आएं, हमारी सरकार वहां बनने जा रही है।



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