‘गेंदबाजी में खुशी मिलती है, कई बार शरीर साथ नहीं देता तो भी मैं गेंदबाजी करता रहता हूं’– News18 Hindi

‘गेंदबाजी में खुशी मिलती है, कई बार शरीर साथ नहीं देता तो भी मैं गेंदबाजी करता रहता हूं’– News18 Hindi


चेन्नई. गेंदबाजों की कब्रगाह पिच पर करीब 73 ओवर डालना आसान नहीं है, लेकिन गेंदबाजी से रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को इतनी खुशी मिलती है कि वह विषम परिस्थितियों में शरीर पर पड़ने वाले बोझ को भी भूल जाते हैं. अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट (India vs England) में नौ विकेट ले लिए हैं, जिसमें से छह विकेट दूसरी पारी में लिए. कमर में दर्द के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट से बाहर रहे अश्विन से उसके बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ”लोग काफी रोचक विश्लेषण करते हैं कि क्या होगा और क्या नहीं लेकिन एक क्रिकेटर के जेहन में यह बात सबसे आखिरी होती है.”

उन्होंने कहा, ”रोज 40 से 45 ओवर डालना और फिर नेट्स पर जाना मेरी क्रिकेट दिनचर्या का हिस्सा है. गेंदबाजी में मुझे इतनी खुशी मिलती है कि कई बार शरीर साथ नहीं देता तो भी मैं गेंदबाजी करता रहता हूं. मुझे इससे इतना प्यार है.” इशांत शर्मा की तरह अश्विन ने भी स्वीकार किया कि पिच पूरी तरह से सपाट है और टॉस की भूमिका अहम रही.

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उन्होंने कहा, ”जब मैंने विकेट देखी तो मुझे लगा कि बल्लेबाजी के लिए अच्छी होगी, लेकिन दूसरे दिन से बेहतर होती जाएगी. यह वाकई सपाट पिच है और टॉस काफी अहम रहा.” अश्विन ने कहा, ”फिर भी मेरा मानना है कि हमने आज अच्छी वापसी की. पांचवें दिन अच्छा खेलने पर हम जीत भी सकते हैं.”

वाशिंगटन सुंदर ने लगातार दूसरे टेस्ट में अर्धशतक बनाया और तमिलनाडु तथा राष्ट्रीय टीम में उनके साथी खिलाड़ी अश्विन ने उन्हें खास बल्लेबाज बताया. उन्होंने कहा, ”वह शानदार बल्लेबाज है. कई लोग टी20 क्रिकेट के आधार पर आकलन करते हैं, जिसमें वह सातवें नंबर पर उतरता है. हर कोई उसकी खास प्रतिभा को नहीं पहचान पाता कि वह कितना विशेष बल्लेबाज है.”

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अश्विन ने यह भी कहा कि फालोऑन नहीं देने के इंग्लैंड के फैसले से वह हैरान नहीं थे. उन्होंने कहा, ”उनके पास दो विकल्प थे, लेकिन उन्होंने अपने गेंदबाजों को आराम देने के लिए फालोऑन नहीं दिया. बाहर से यह बात उतनी अच्छी तरह से नहीं समझी जा सकती, क्योंकि कई बार तरोताजा गेंदबाज थके हुए गेंदबाजों की तुलना में कमाल कर सकते हैं.”





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