पुलिस का स्टिंग ऑपरेशन: दोस्त को ग्राहक बनाया, मैं कार की डिग्गी में 3 घंटे छिपा रहा 70 हजार में दो रेमडेसिविर बेचने वाले एमआर को धरदबोचा

पुलिस का स्टिंग ऑपरेशन: दोस्त को ग्राहक बनाया, मैं कार की डिग्गी में 3 घंटे छिपा रहा 70 हजार में दो रेमडेसिविर बेचने वाले एमआर को धरदबोचा


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सागर12 मिनट पहले

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आरोपी हर्षित केशरवानी।

  • कोरोना में लगने वाले इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों तक ऐसे पहुंचा आरक्षक
  • रेमडेसिविर ब्लैक कर रहे एमआर को पकड़ने वाले आरक्षक मनीष तिवारी की भास्कर के लिए रिपोर्टिंग

एसपी साहब ने टीआई साहब काे कैंट के सदर इलाके के रहने वाले एक एमआर काे पकड़ने का टाॅस्क दिया था। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले इस एमआर का नाम-पता जुटाने के बाद एक टीम गठित की गई। इस टीम में एसआई कैलाश नारायण अरजरिया, प्रधान आरक्षक राजपाल सिंह, आरक्षक आशीष सिंह गौतम, लखन सिंह, दीपक कुमार,भवानीशंकर भी शामिल थे। सभी काे अलग-अलग स्थानाें पर सक्रिय किया गया था।

एमआर से बात करने पर ट्रू काॅलर से पुलिस का माेबाइल नंबर कहीं ट्रेस न हाे जाए इस बात का डर था। इसलिए मैंने अपने एक दाेस्त की मदद ली। वह पहले डर रहा था। उसे भराेसा में लिया और इस गाेरखधंधे के पर्दाफाश हाेने सेे इंजेक्शन की मारामारी के बीच ठगे जा रहे कई लाेगाें काे राहत मिलने की बात कही। वह तैयार हाे गया। उसने ग्राहक बनकर एमआर से बात की और अपने माैसाजी के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था करने काे कहा।

एमआर काे शक था कि उसे कहीं फंसाया ताे नहीं जा रहा। उसने ना-नुकुर करते हुए पूछा कि किस हाॅस्पिटल में भर्ती हैं और कितना संक्रमण है। एमआर से जिस दाेस्त की बात कराई गई थी, उसके माैसाजी काे पहले काेराेना हाे चुका है। जिससे उसने इलाज के संबंध में जानकारी दे दी। एमआर ने सबकुछ वैरिफाई करने के बाद दाे टूक शब्दाें में 70 हजार रुपए में दाे इंजेक्शन मिलेंगे, लेकिन रुपए नकद लूंगा। दाेस्त ने हां कह दिया। इसके बाद मिलने का स्थान व समय तय हुआ।

मंगलवार काे शाम 7 बजे मैं, अपने दाेस्त की कार से रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुआ। मैंने सादे कपड़े पहने थे और कार की डिग्गी में छिपकर बैठ गया। बीच-बीच में एमआर से फाेन पर बात चल रही थी। रेलवे स्टेशन पहुंचने पर एमआर ने कार का नंबर पूछा और कहा कि शास्त्री चाैक सदर आ जाओ। हम लाेग शास्त्री चाैक पहुंचे ताे एमआर ने कहा कि मुझे कुछ काम आ गया था।

तुम लाेग 26 नंबर रेलवे गेट के पास आ जाओ। इस तरह रात के 10 बज चुके थे। यहां से एमआर ने फिर रेलवे स्टेशन पर बुलाया। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 के सामने जैसे ही कार रुकी ताे एक शख्स कार के पास आया। इसी बीच ग्राहक बनकर गए दाेस्त ने कार की डिग्गी खाेल दी। मैं पीछे से उतरा और उसे दबाेच लिया। सूचना पर कैंट थाने से पुलिस टीम भी आ गई थी। आराेपी काे इंजेक्शन के साथ थाने लाए।

भास्कर इनसाइड; एमआर ने 4 इंजेक्शन मंगाए थे, दाे माेतीनगर के कृष्णा काे बेचे

जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी चरम पर है। अपनाें की जान बचाने के लिए लाेग मुंह मांगे दाम पर इंजेक्शन खरीदने तैयार हैं। इसके लिए काफी शासन स्तर पर इंजेक्शनाें की व्यवस्था करने में नाकाम सिस्टम भी दाेषी माना जा रहा है। हाे यह रहा है कि फेंफड़ाें में संक्रमण 50 परसेंट से ज्यादा दिखते ही डाॅक्टर पर्चे पर इंजेक्शन लिख देते हैं। उधर अस्पतालाें में पहले से भर्ती मरीजाें काे इंजेक्शन की व्यवस्था में नए मरीजाें के परिजन काे देर हाेने का अंदेशा रहता है। यहीं से वे इंजेक्शन की तलाश में जुट जाते हैं। मेडिकल स्टाेर संचालकाें और एमआर से संपर्क करते हुए कैसे भी इंजेक्शन की व्यवस्था कराने के लिए प्रयास शुरू हाे जाते हैं।

इसी मजबूरी का फायदा उठाते हुए इंजेक्शनाें की कालाबाजारी में लिप्त सांसाें के दलाल कई गुना ज्यादा रेट पर इंजेक्शन बेचकर महामारी में मुनाफा कमा रहे हैं। एमआर हर्षित केशरवानी ने पुलिस काे पूछताछ में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दी। सूत्राें से पता चला कि उसने 4 इंजेक्शन किसी दूसरे सप्लायर से खरीदे थे। इनमें से 2 इंजेक्शन माेतीनगर थाना क्षेत्र के कृ़ष्णा उर्फ माेहित नाम के व्यक्ति के पिता काे लगाए गए। बचे दाे इंजेक्शन एमआर 70 हजार रुपए में बेच रहा था। इंजेक्शन सप्लाई के मामले में खुरई राेड के एक मेडिकल स्टाेर का नाम भी आ रहा है। इसमें निजी अस्पतालाें के कुछ मेडिकल फील्ड से जुड़े लाेगाें के नाम भी सामने आ सकते हैं। पकड़े गए एमआर के पिता की किराना की दुकान है। उनके एक परिजन भाजपा से जुड़े बताए जा रहे हैं।

इंजेक्शन बेचने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज
रेमडेसिविर इंजेक्शन लिए मिले आरोपी 25 वर्षीय हर्षित पिता ओमप्रकाश केशरवानी निवासी सदर मुहाल काे पुलिस ने दबाेच लिया। पुलिस टीम उसे इंजेक्शन के साथ पकड़कर थाने लाई और उससे पूछताछ की। आराेपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 188,420, धारा-3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम, धारा-53, 57 आपदा प्रबंधन अधिनियम,और धारा 3 महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
काॅल डिटेल्स से सप्लायर तक पहुंचेंगे, साइबर सेल करेगी काम
कैंट थाना प्रभारी समरजीत सिंह ने बताया कि आरोपी हर्षित को रेमडेसिविर कहां से मिले। इस संबंध में उससे पूछताछ की जा रही है। इंजेक्शन सप्लायर के संबंध में वह गुमराह कर रहा है। उस तक पहुंचने के लिए पुलिस साइबर सेल की मदद ले रही है। काॅल डिटेल्स से जानकारी निकाली जा रही है।

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